नई दिल्ली। तीनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में 28 जून से 4 जुलाई वाले सप्ताह के दौरान सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 25-50 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज किया गया क्योंकि सोया तेल एवं सोया मील में थोड़ी बहुत मांग देखी गई।
सोयाबीन का भाव सुधरकर 4400/4500 रुपए प्रति क्विटल पर पहुंचा लेकिन फिर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विटल से नीचे ही रहा। प्रमुख उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की बिजाई पहले ही आरंभ हो चुकी है लेकिन कमजोर बाजार भाव को देखते हुए इसके क्षेत्रफल में 5 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
हालांकि सरकार ने अगले मार्केटिंग सीजन के लिये सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 436 रुपए बढ़ाकर 5328 रुपए प्रति क्विटल निर्धारित किया है लेकिन ऐसा लगता है कि किसानों पर इसका कोई विशेष सकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
सोया तेल (रिफाइंड): समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोया रिफाइंड तेल के दाम में 10-15 रुपए प्रति किलो का इजाफा दर्ज किया गया। अधिकांश मिलों में 15 रुपए की वृद्धि की गई। कोटा में सोया रिफाइंड तेल का दाम 25 रुपए बढ़कर 1210 रुपए प्रति 10 किलो तथा कांडला में 15 रुपए बढ़कर 1170 रुपए प्रति 10 किलो हो गया। इसका भाव मुम्बई में 1150 रुपए पर स्थिर रहा जबकि हल्दिया में 5 रुपए सुधरकर 1170 रुपए पर पहुंच गया।
आवक : घरेलू मंडियों में सोयाबीन की आवक 1 जुलाई को 2.50 लाख बोरी की हुई थी जो 4 जुलाई को गिरकर 2.30 लाख बोरी रह गई। सोयाबीन की प्रत्येक बोरी 100 किलो की होती है।
सोया खल (डीओसी): सोया डीओसी की घरेलू एवं निर्यात मांग में कुछ सुधार आने से कीमतों में तेजी देखी गई। मिलों के आधार पर इसमें नीचे में 200 से लेकर ऊपर में 1000 रुपए टन की बढ़ोत्तरी हुई जिससे कई प्लांटों को राहत मिली। विदेशों में भाव सुधरने से भारतीय निर्यातकों को सोयामील का निर्यात अनुबंध करने में अच्छी सफलता मिली। घरेलू खरीदारों की भी सक्रियता देखी गई।
सोयाबीन खरीद: सोयाबीन की सरकारी खरीद 2024-25 के खरीफ मार्केटंग सीजन के लिए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। सरकार अब इसे पुनः मार्केट में उतार रही है इसलिए कीमतों में ज्यादा तेजी आना मुश्किल लगता है। सितम्बर के दूसरे पखवाड़े से सोयाबीन की नई फसल की छिटपुट आवक शुरू होने की संभावना है।