जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर बड़ी कार्रवाई को मंजूरी दी है। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं में दोषी पाए गए एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी सहित 10 पूर्व अफसरों की पेंशन रोकने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, दो सेवारत अधिकारियों की सेवा समाप्त करने और उन्हें पद से हटाने का भी निर्णय लिया गया है। इनमें एक मामला अनधिकृत अनुपस्थिति से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला भ्रष्टाचार का है।
जांच और अभियोजन की मिली अनुमति
भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 2018 की धारा 17-ए के तहत पांच मामलों में विस्तृत जांच की अनुमति दी गई है। साथ ही, सात अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति भी सरकार ने दी है। इसके अतिरिक्त, 11 अधिकारियों पर सीसीए नियम-16 और दो पर नियम-17 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, जिसमें उनकी वार्षिक वेतनवृद्धि को रोका गया है।
पेंशन पर प्रतिबंध और केंद्रीय सिफारिश
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नौ सेवानिवृत्त अधिकारियों की पूर्ण या आंशिक पेंशन को रोकने की भी अनुमति दी है। वहीं, चार अन्य सेवानिवृत्त अफसरों के खिलाफ आरोप प्रमाणित होने पर जांच निष्कर्षों को भी अनुमोदन दे दिया गया है। एक रिटायर्ड IAS अधिकारी के मामले में केंद्र सरकार को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सिफारिश भेजी गई है, जो अखिल भारतीय सेवा नियमों के तहत होगी।
दो अफसरों को राहत, दो याचिकाएं खारिज
राज्य सरकार ने यह भी बताया कि दो मामलों में विभागीय जांच के आधार पर संबंधित अधिकारियों को राहत दी गई है। साथ ही, दो मामलों में सजा के खिलाफ की गई पुनर्विलोकन याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। सरकार ने दोहराया है कि आगे भी भ्रष्टाचार और लापरवाही पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को अपनाते हुए सख्त और त्वरित कार्रवाई की जाएगी।