नई दिल्ली। Wholesale inflation: भारत की थोक महंगाई दर (WPI) मई 2025 में घटकर 0.39 फीसदी रह गई, जो पिछले 14 महीनों का सबसे निचला स्तर है। अप्रैल में यह दर 0.85 फीसदी थी। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं, फ्यूल और प्राइमरी प्रोडक्ट्स की कीमतों में नरमी आने से यह गिरावट दर्ज की गई है।
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने बयान में कहा, “…मुख्य तौर पर खाद्य उत्पादों, बिजली, अन्य विनिर्माण, रसायनों व रासायनिक उत्पादों, अन्य परिवहन उपकरणों और गैर-खाद्य वस्तुओं के विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही।”
प्राइमरी प्रोडक्ट्स की महंगाई दर अप्रैल के -1.44% से घटकर मई में -2.02% रह गई। वहीं, कोर WPI महंगाई दर (जिसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं होते) अप्रैल के 1.5% से घटकर मई में 0.9% रही।
थोक खाद्य महंगाई दर घटी
मई में थोक खाद्य महंगाई दर घटकर 1.72 फीसदी रह गई, जो अप्रैल में 2.55 फीसदी थी। यह थोक खाद्य कीमतों में नरमी को दर्शाता है। हालांकि, WPI फूड इंडेक्स अप्रैल के 189.3 से बढ़कर मई में 189.5 हो गया।
मई में प्राइमरी खाद्य उत्पादों की कीमतों में 1.56 फीसदी की गिरावट आई, जो लगातार दूसरा महीना है जब इसमें गिरावट देखी गई। सब्जियों (-21.6%), दालों (-10.4%), आलू (-29.4%) और प्याज (-14.4%) की कीमतों में बड़ी गिरावट इसका प्रमुख कारण रही। अंडा, मांस और मछली जैसे प्रोटीन युक्त उत्पादों की कीमतों में भी लगातार दूसरे महीने 1.01% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, अनाज (2.56%), धान (0.96%) और गेहूं (5.75%) में मूल्य वृद्धि की रफ्तार कुछ धीमी रही।
फ्यूल और पावर की थोक महंगाई गिरी
मई में फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर और गिरकर -2.27% रही, जो अप्रैल में -2.18% थी। इस कैटेगरी का इंडेक्स मई 2025 में 0.95 फीसदी गिरकर 146.7 पर आ गया, जो अप्रैल में 148.1 था। इस दौरान खनिज तेलों की कीमतों में 2.06 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि कोयला और बिजली की कीमतों में क्रमशः 0.81 फीसदी और 0.80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
मैन्यूफैक्चरिंग की महंगाई पड़ी नरम
मई में मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर घटकर 2.04 फीसदी रही, जो अप्रैल में 2.62 फीसदी थी। यह थोक महंगाई में गिरावट ऐसे समय में आई है जब खुदरा महंगाई दर (CPI) भी मई में गिरकर 75 महीने के निचले स्तर 2.82 फीसदी पर पहुंच गई थी। इसकी प्रमुख वजह सब्जियों और दालों की कीमतों में तेज गिरावट रही।