नई दिल्ली। Stock Market Closed : वैश्विक बाजारों में कमजोर रूख के बीच घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को अचानक गिरावट आई और ज्यादातर सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। अमेरिका और चीन व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और मिडिल ईस्ट में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता को कम कर दिया।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 50 अंक से ज्यादा की मामूली बढ़त लेकर 82,571.67 पर ओपन हुआ। कारोबार के दौरान यह 992 अंक गिरकर 81,523 के निचले स्तर पर आ गया। अंत में यह 823.16 अंक या 1.00% की गिरावट लेकर 81,691.98 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty50) भी मामूली बढ़त के साथ 25,164 अंक पर ओपन हुआ। बाद इसमें गिरावट बड़ी हो गई। अंत में इंडेक्स 253.20 अंक या 1.01% गिरकर 24,888.20 पर बंद हुआ।
गिरावट की 3 प्रमुख वजह
- निफ्टी वीकली डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की वीकली एक्सपायरी आज समाप्त हुई है। टेक्नीकल एनालिस्ट्स के अनुसार, पिछले दो दिनों से निफ्टी इंडेक्स में तेजी की कमी दिखी। जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, “24,900-24,863 से नीचे की सीधी गिरावट कमजोरी का संकेत दे सकती है।” इस बीच, विकल्प डेटा एक निकट-तटस्थ रुख को दर्शाता है, जिसमें मौजूदा बाजार मूल्य के पास स्ट्राइक पर आक्रामक पुट राइटिंग देखी गई है। दूसरी ओर, कॉल राइटर्स ने ऊंचे स्तरों पर पोजीशन जोड़ना शुरू कर दिया है, जो सतर्क आशावादी दृष्टिकोण का संकेत देता है।
- ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बाद बुधवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल फ्यूचर्स का भाव 4.3 प्रतिशत बढ़कर 69.77 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड भी 4.9 प्रतिशत बढ़कर 68.15 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। तेल की कीमतें 10 सप्ताह के हाई पर हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रेंट क्रूड वायदा भाव गुरुवार को 1 प्रतिशत गिरकर 68.93 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
- अमेरिका और चीन व्यापार समझौते को लेकर निवेशकों में अभी भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। वहीं, ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ को लागू करने की समय सीमा निकट आ रही है। ट्रम्प का कहना है कि समय सीमा को बढ़ाना “आवश्यक नहीं होगा”। बता दें कि ट्रम्प ने ट्रेड समझौते के लिए नए टैरिफ पर तीन महीने के लिए पॉज लगा दिया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त होने वाली है।