नई दिल्ली। अब तीन साल की समय-सीमा समाप्त होने के बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकेगा। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने शनिवार को कहा कि जुलाई 2025 की टैक्स अवधि से यह लागू हो जाएगा। इसका मतलब है कि करदाता जुलाई 2025 की टैक्स अवधि के लिए अगस्त 2025 में मासिक रिटर्न दाखिल करेंगे। यह इस नई व्यवस्था के अंतर्गत आएगा।
जीएसटीएन ने बताया कि करदाता रिटर्न दाखिल करने की निर्धारित तिथि से तीन साल की अवधि के बाद जीएसटीआर-1, जीएसटीआर 3बी, जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-5, जीएसटीआर-5ए, जीएसटीआर-6, जीएसटीआर 7, जीएसटीआर 8 और जीएसटीआर 9 जैसे रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे।
समय सीमा में यह संशोधन माल और सेवा कर (जीएसटी) वित्त अधिनियम, 2023 के तहत लागू किए जा रहे हैं। इसके अनुसार, बाहरी आपूर्ति रिटर्न, देयता भुगतान से संबंधित रिटर्न, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर जमा किए गए कर से जुड़े रिटर्न अब समय सीमा समाप्त होने पर दाखिल नहीं किए जाएंगे। यह प्रतिबंध जुलाई 2025 की कर अवधि से जीएसटी पोर्टल पर लागू किया जाएगा।
अपने रिकॉर्ड का मिलान करें करदाता
करदाताओं को सलाह दी गई कि अपने रिकॉर्ड का मिलाने करें। देखें अगर अब तक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है, तो जितनी जल्दी हो सके दाखिल कर लें। पिछले साल अक्तूबर की शुरुआत में जीएसटीए ने करदाताओं को आगाह किया था कि 2025 की शुरुआत में कर प्रतिबंध पर उक्त प्रावधान को लागू किया जाएगा।
इस बदलाव से अनुशासन आएगा
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ सदस्य रजत मोहन ने कहा कि यह कदम अनुशासन को बढ़ाता है और लंबे समय नियम न मानने वालों पर रोक लगाएगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि यह उन करदाताओं के लिए समस्या खड़ी कर सकता है, जो मुकदमेबाजी, सिस्टम के मुद्दों या वास्तविक निरीक्षण के कारण उनकी फाइल अभी भी पेंडिंग। मोहन ने कहा ऐसे असाधारण मामलों को अलग से संभालने का कोई तरीका नहीं होने से उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हमेशा के लिए नहीं मिल पाएगा और वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है।