नजदीकी स्रोत से कोयला आवंटन कर बिजली की उत्पादन लागत में कमी लाई जाए: नागर

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ऊर्जा मंत्रियों का चतुर्थ सम्मेलन चंडीगढ़ में सम्पन्न, राजस्थान ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

कोटा /सांगोद/जयपुर। राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित उत्तर भारत के राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के चतुर्थ सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की।

इस महत्वपूर्ण बैठक में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों एवं अधिकारियों ने भाग लिया।

सम्मेलन में राज्यों के इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन नेटवर्क, निर्माणाधीन परियोजनाओं की कार्य प्रगति की समीक्षा, वितरण कंपनियों की कार्यप्रणाली, उनकी वित्तीय स्थिति, तथा साइबर सुरक्षा जैसे समसामयिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही, आपातकालीन स्थिति में पुनर्स्थापन प्रणाली (Emergency Restoration System) को कम से कम समय में क्रियान्वित करने पर भी बल दिया गया।

राजस्थान की ओर से रखे गए मुख्य विषय:
राजस्थान राज्य की ओर से ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर ने भाग लिया और राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों को केंद्रीय मंत्री महोदय के समक्ष ज़ोरदार तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष रूप से आग्रह किया:

  1. कोयला आवंटन राजस्थान को विभिन्न स्रोतों से किया जा रहा है। यदि नज़दीकी स्रोतों से आवंटन किया जाए तो परिवहन लागत में कमी लाई जा सकती है, जिससे उत्पादन सस्ता होगा।
  2. पिट हेड पर थर्मल पावर प्लांट लगाने की अनिवार्यता को समाप्त कर, राजस्थान में ही 3200 मेगावाट के प्लांट लगाने की अनुमति प्रदान की जाए।
  3. राजस्थान से अक्षय ऊर्जा की निकासी हेतु केंद्रीय एजेंसियों को और अधिक प्रोजेक्ट राजस्थान में लगाने के निर्देश दिए जाएं।
  4. वर्तमान में प्रस्तावित 1000 मेगावाट की बैटरी स्टोरेज परियोजना के अतिरिक्त 5000 मेगावाट की अतिरिक्त बैटरी स्टोरेज योजना के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान की जाए।

राजस्थान के ऊर्जा मंत्री द्वारा रखे गए इन विषयों को सम्मेलन में गंभीरता से सुना गया, और केंद्र सरकार द्वारा सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया गया।