Home Loan: रेपो रेट घटने के बाद होम लोन की EMI कितनी, ऐसे समझें गणित

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नई दिल्ली। Home Loan EMI : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को रेपो दर में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती का ऐलान कर दिया। इसी के साथ रेपो रेट घटकर 5.5 फीसदी पर आ गई। साल 2025 में तीसरी बार ब्याज दरों में दर कटौती की गई। जबकि पिछले दो वर्षों में एक बारी में किया गया यह सबसे बड़ा रेट कट है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) की अध्यक्षता में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। रेपो रेट में कटौती के बाद होम लोन, ऑटो लोन जैसे रिटेल लोन सस्ते होने और ईएमआई (EMI) घटने की उम्मीद है।

यहां एक कैलकुलेशन से समझते हैं कि 20 साल के लिए 50 लाख रुपये के होम लोन की ब्याज दर पर 0.50 फीसदी की कटौती करते है, तो ईएमआई (EMI) कितनी कम हो जायेगी।

EMI का समझें कैलकुलेशन

मौजूदा EMI

डिटेल्सआंकड़े
लोन अमाउंट₹50 लाख
लोन टेन्योर20 साल
ब्याज दर8.0% प्रति वर्ष (न्यूनतम)
EMI₹41,822
कुल ब्याज भुगतान₹50,37,281
कुल भुगतान (प्रिंसिपल अमाउंट + ब्याज)₹1,00,37,281

ब्याज दरें घटने के बाद संभावित EMI

विवरणआंकड़े
लोन अमाउंट₹50 लाख
लोन टेन्योर20 साल
ब्याज दर7.5% प्रति वर्ष (0.50% कम)
EMI₹40,280
कुल ब्याज भुगतान₹46,67,118
कुल भुगतान (मूलधन + ब्याज)₹96,67,118

EMI, ब्याज में कितना फायदा?
होम लोन EMI कैलकुलेशन से साफ है कि ब्याज दरों में 0.50 फीसदी कटौती होने से आपकी EMI 1542 रुपये तक कम हो सकती है। वहीं, अब अगर आपके होम लोन की ब्याज दरें अगले 20 साल तक स्थिर रहती हैं, तो आपको पूरे टेन्योर में अब 370,163 रुपये कम ब्याज चुकाना होगा।

होम, ऑटो लोन लेना होगा सस्ता
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्ववी राणा ने कहा कि आरबीआई ने एक साल में तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। इस बार 0.50 अंकों की कमी करके बड़ी राहत दी है। इस रेट कट से महंगी EMI भरने वालों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। रेपो रेट अब 6.00% से घटकर 5.50% हो जाएगा। SDF को भी 5.25% कर दिया है। साथ ही बैंक रेट (Bank Rate) को 5.75% कर दिया है इससे बैंकों को जरूरी होने पर आरबीआई से लोन लेने में भी राहत मिलेगी।

वीएसआरके कैपिटल में डायरेक्टर स्वप्निल अग्रवाल ने कहा, ”रेपो रेट में कटौती के फैसले से ब्याज दरों में 0.50% की कटौती हो सकती है। यह अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इस बदलाव से होम लोन के साथ-साथ कार लोन, बिजनेस लोन और एमएसएमई लोन जैसे अन्य ऋणों की लागत भी घटेगी। ऐसे अनुकूल फाइनेंशियल हालात रियल एस्टेट बाजार में मांग को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में आसान और सस्ते ऋण की सुविधा घर खरीदने वालों और निवेशकों को आकर्षित करती है।”

मौद्रिक नीति पॉलिसी की खास बातें

  • प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50% घटाकर 5.50% किया गया।
  • मौद्रिक नीति रुख को ‘अकोमडेटिव’ से बदलकर ‘न्यूट्रल’ किया गया।
  • बैंकिंग प्रणाली में 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी डालने के लिए CRR में 1% की बड़ी कटौती।
  • वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 0.3% घटाकर 3.7% किया गया।
  • वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP की वृद्धि का अनुमान 6.5% पर कायम।
  • चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा (CAD) टिकाऊ स्तर के भीतर रहने की उम्मीद।
  • विदेशी मुद्रा भंडार 692.7 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 691.5 अरब डॉलर (30 मई) पर आया।
  • अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4 से 6 अगस्त को होगी।