कैट के दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में हुआ निर्णय, 24 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल
कोटा। Boycott of Turkey and Azerbaijan: कैट का राष्ट्रीय सम्मेलन राष्ट्रीय महामंत्री एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल के आव्हान पर दिल्ली में आयोजित किया गया। जिसमें भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद करने वाले देश तुर्किये एवं अज़रबैजान से सभी तरह व्यापारिक संबंधों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया।
कोटा से कैट के प्रदेश सचिव अशोक माहेश्वरी एवं कोटा जिला के अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा ने बताया कि बैठक में सभी वक्ताओं ने कहा कि आतंकवादी हमले के बाद जब भारत गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट के दौर से गुजर रहा था, तब तुर्कीये एवं अज़रबैजान जैसे देशों ने पाकिस्तान का खुले तौर पर समर्थन किया।

उसी को लेकर इन दोनो देशों का बॉयकॉट करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। बैठक में पूरे देश भर के 24 राज्यों के करीब 124 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सभी ने जिन देशों का रवैया अब तक शत्रुता पूर्ण है ऐसे देशों से भारत किसी भी तरह का आर्थिक सहयोग एवं व्यापार नहीं करने पर सहमति व्यक्त की।
बैठक को संबोधित करते हुए राजस्थान कैट के प्रदेश सचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि तुर्कीये एवं अज़रबैजान के खिलाफ पूरे राजस्थान के व्यापारी भी एकजुट हैं। राजस्थान के व्यापारी होटल फेडरेशन आफ राजस्थान राजस्थान के ट्यूर ओपरेटर, मार्बल व्यवसाई, ज्वेलर्स फ्रूट विक्रेताओं ने एक मत होकर इन देशों के बहिष्कार में पूरा सहयोग प्रदान करते हुए सभी तरह के व्यापारिक वाणिज्यिक पर्यटक को रोके जाने के निर्णय पर अपनी सहमति प्रदान की।
इसको अमल में लाये जाने के लिए पूरे राज्य में एक अभियान चलाया जाएगा और इन दोनों देशों के उत्पादकों का राष्ट्रीय बहिष्कार, व्यापारिक संबंधों पर रोक, यात्रा एवं पर्यटन योजनाओं का निरस्तिकरण करने जैसा निर्णय भी लिया जाएगा। इसके लिए पूरे राजस्थान के व्यापारी पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों के साथ-साथ व्यापार खत्म करने का निर्णय राजनीतिक नहीं है। बल्कि यह निर्णय राष्ट्र हित में है।
माहेश्वरी ने कहा कि हमारे देश को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए हमें स्वदेशी वस्तुएं अपनाने पर जोर देना होगा। हमें आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि व्यापारी देश की आर्थिक धुरी है, जो केवल लाभ के लिए ही नहीं नैतिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने में भी सदैव खरे उतरे हैं।
हमें हमारे देश के पर्यटन स्थलों को भी विदेशों की तरफ से विकसित करना है, जिससे हमारे देश के जो लोग विदेश में न जाकर देश में ही पर्यटन स्थलों का भ्रमणकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करे।
उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों के साथ साथ जो भी देश भारत को नुकसान पहुंचाने के मंशा रखता है। उससे भी आर्थिक व्यापारिक संबंध एवं सामानों का बहिष्कार किया जाएगा। माहेश्वरी ने कहा कि चीन भी वर्षों तक पाकिस्तान का खुला समर्थन करता रहा है। उसका भी हमें खुलकर बहिष्कार करना चाहिए।
इसके लिए हम स्वदेश निर्मित वस्तुओं का उपयोग करें। स्थानीय उत्पादकों के प्रचार एवं बिक्री को बढ़ावा दें। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार को आत्मनिर्भर बनाने वाली नीतियां लानी होगी। ताकि देश का व्यापारी स्वतंत्र रूप से देश के व्यापार को विकसित कर इन विदेशी व्यापार के आतंक को खत्म कर सके।
इस अवसर पर कैट के जिला अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर पर हुए इस निर्णय से हम हाड़ौती मे इन दोनों देशों से संपूर्ण व्यापारिक वाणिज्यिक पर्यटक गतिविधियां को नहीं करने के लिए एक विशेष अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करेंगे। हमारे दुश्मन देश को समर्थन देने वाले इन दोनों देशों का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। इसके लिए व्यापारी वर्ग ही नही आमजन भी पूरी तरह से तैयार है।
इस अवसर पर कैट राजस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज गोयल प्रदेश महासचिव हेमंत पार्किकर ने कहा कि दोनों देशों के बहिष्कार के संबंध में कैट के प्रदेश पदाधिकारियों की टीम राज्य के सभी जिलों के पदाधिकारियों को निर्देश देगी कि वह अपने-अपने जिले में इन घोषणाओं को अमल में लाए। इसके लिए प्रदेश पदाधिकारियों की एक टीम पूरे राज्य का भी दौरा करेगी।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी सी भरतीया एवं राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश की 40 हजार व्यापारिक संस्थाएं और करीब 9 करोड़ व्यापारी एक जुट हैं। उन्होंने पूरे देश से आए पदाधिकारीयों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में इन दोनों देशों के खिलाफ व्यापारिक वाणिज्यिक संबंध खत्म कर ऐसा उदाहरण पेश करें जिससे आने वाले समय में कोई भी देश भारत के खिलाफ इस तरह का बर्ताव नहीं कर सके।
किसी भी शत्रु देश की अर्थव्यवस्था को हमे सहयोग नहीं करना चाहिए जिससे हमारा शत्रु देश के मजबूती मिलती है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से पूरे देश में भारतीय सैना के सम्मान मे तिरंगा यात्रा निकालने का भी निर्णय लिया।