नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) ने भारत में 8,000 से ज्यादा अकाउंट्स की पहुंच को सीमित कर दिया है। यह कदम भारत सरकार के उस सख्त आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें कंपनी को चेतावनी दी गई थी कि अगर वह निर्देशों का पालन नहीं करती तो उसे भारी जुर्माना और भारत में काम कर रहे कर्मचारियों को जेल की सजा हो सकती है।
इन अकाउंट्स में कई नामी हस्तियों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के प्रोफाइल भी शामिल हैं। एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी X ने कहा, “हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। अगर आदेश नहीं मानते, तो भारत में पूरी सेवा को ही बैन किया जा सकता था।”
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब भारत ने हाल ही में कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और वेबसाइट्स पर बैन लगाया है, जिन पर भारत विरोधी और भड़काऊ कंटेंट फैलाने का आरोप है।
PIB और गृह मंत्रालय से पुष्टि की अपील
पाकिस्तान के साथ चल रहे सीमा तनाव के बीच भारत सरकार ने फेक न्यूज फैलाने वालों को लेकर चेतावनी जारी की है। सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने से बचें और किसी भी दावे को शेयर करने से पहले उसकी पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से जरूर करें।
इसके लिए लोगों को PIB फैक्ट चेक, गृह मंत्रालय या संबंधित राज्य आपदा प्रबंधन इकाई से जानकारी सत्यापित करने की सलाह दी गई है। साथ ही जनता से अपील की गई है कि बिना किसी आधिकारिक निर्देश के वे सामान्य दिनचर्या जारी रखें और किसी भी अफवाह को न फैलाएं।
इसी क्रम में, बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने चीन के सरकारी मीडिया हाउस ग्लोबल टाइम्स को भी नसीहत दी है। दूतावास ने कहा है कि वह भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी पोस्ट करने से पहले तथ्यों की अच्छी तरह जांच कर ले।
यह कदम भारत सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत संवेदनशील स्थितियों में गलत जानकारी और अफवाहों पर रोक लगाना जरूरी माना जा रहा है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा डिजिटल रुख अपनाया है। सरकार ने पाकिस्तान के मशहूर कलाकारों जैसे फवाद खान, आतिफ असलम और हानिया आमिर के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बैन लगा दिया है।
इसके अलावा सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को आदेश दिया गया है कि वे पाकिस्तान से जुड़ा कोई भी कंटेंट तुरंत हटा दें। यह कदम भारत की ओर से उठाए गए कई जवाबी उपायों का हिस्सा है, जिसका मकसद आतंक से जुड़े किसी भी तरह के प्रचार-प्रसार को रोकना है।