कोटा। Breakthrough ceremony at Dara Tunnel: दिल्ली-मुंबई भारत माला परियोजना के तहत कोटा-दरा मार्ग पर बन रही आठ लेन का काम अंतिम चरण तक पहुंच गया है। यहां पर देश की सबसे चौड़ी और पहली आठ लेन बनाई जा रही है। ऐसे में शुक्रवार को टनल पर ब्रेक थ्रू सेरेमनी आयोजित की गई। टनल खोदते समय दूसरी छोर का हिस्सा नजर आ गया, जिसके बाद मौके पर मौजूद स्टॉफ और कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। टनल का हिस्सा दिखने के बाद कर्मचारियों ने हर-हर महादेव और बम-बम भोले के नारे भी लगाए।
लाइजनिंग मैनेजर डीबीएल एसके सिंह ने बताया कि यहां पर टनल की खुदाई का काम साल 2021 से चल रहा है। टनल को बनाने के लिए दोनों तरफ से पहाड़ का भी काटा जा रहा है। टनल के हिस्से को गोपालपुरा माताजी मंदिर और दूसरे हिस्से को चेचट की तरफ से खोदा जा रहा है।
ऐसे में आज दोनों तरफ से खुदाई करने पर टीम एक छोर तक पहुंच गई, जिसके बाद ब्रेक थ्रू सेरेमनी करके खुशी का इजहार किया गया। अधिकारियों का कहना है कि अब टनल की आसानी से आरपार खुदाई हो सकेगी। सेरेमनी के लिए टनल को फूलों से भी सजाया गया। इस मौके पर नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल, जीएम डीबीएल संजय राठौर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
अधिकारियों ने बताया कि ये टनल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर पहाड़ के बीच 21 मीटर चौड़ी और 3.3 किमी लंबी बनाई जा रही है। जो कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के 500 मीटर पहले से शुरू होगी और रिजर्व खत्म होने के 500 मीटर बाद तक बनाई गई है। ये टनल न्यू ऑस्ट्रेलिया मैथड से बनाई जा रही है, जिसको बनाने के लिए स्पेन, जर्मनी सहित यूरोपीय देशों से भारी भरकम ड्रिलिंग बूमर, शाॅटक्रेट ग्रेड जैसी मशीन मंगवाई गई है।