नई दिल्ली। Turmeric New Crop: हल्दी की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। इसका असर हल्दी की कीमतों पर देखा जा रहा है। नई आवक के दबाव में बीते कुछ दिनों से हल्दी के दाम गिर रहे हैं। इस सीजन में हल्दी का रकबा बढ़ा है।
लेकिन असमय बारिश के कारण रकबा बढ़ने के अनुरूप हल्दी के उत्पादन में इजाफा होने की संभावना नहीं है। जानकारों के मुताबिक हल्दी की पैदावार या तो पिछले साल के बराबर रह सकती है या फिर पिछले साल से थोड़ी ज्यादा।
कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर हल्दी के अप्रैल अनुबंध ने 6 जनवरी को 15,838 रुपये के भाव पर इस साल का उच्च स्तर बनाया था, जिसने आत खबर लिखे जाने के समय 13,446 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया और खबर लिखे जाने के समय यह करीब 60 रुपये की गिरावट के साथ 13,496 रुपये क्विंटल के साथ कारोबार कर रहा था। इस तरह देखा जाए तो महीने भर में हल्दी के वायदा भाव करीब 15 फीसदी गिर चुके हैं। हाजिर बाजार में इस दौरान भाव 14,375 रुपये से घटकर 13,160 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं।
कमोडिटी एक्सपर्ट और एग्रोकॉर्प इंटरनेशनल में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि हल्दी की नई फसल की निजामाबाद और हिंगोली मंडी में आवक हो रही है। नई आवक के दबाव में हल्दी के दाम में कमी आई है। कमोडिटी विश्लेषक और एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड में सीनियर एसोसिएट्स (रिसर्च) रविशंकर पांडेय ने बताया कि आवक बढ़ने के कारण हल्दी की कीमतों पर दबाव बना है। इस साल जनवरी महीने में करीब 8,000 टन हल्दी की आवक हुई थी, जो पिछले साल जनवरी में हुई करीब 6,000 टन आवक से ज्यादा थी।
उत्पादन बढ़ने पर संशय
इस सीजन हल्दी के रकबा में वृद्धि हुई है। लेकिन पैदावार बढ़ने पर संशय बना हुआ है। पांडेय ने कहा कि इस सीजन हल्दी का रकबा 3.30 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछले सीजन के करीब 3 लाख हेक्टेयर रकबा से 10 फीसदी ज्यादा है। लेकिन रकबा जितना बढ़ा है, उतना उत्पादन बढ़ने की संभावना नहीं है क्योंकि असमय बारिश से हल्दी की उत्पादकता घट सकती है। पिछले साल 10.75 लाख टन हल्दी का उत्पादन हुआ था। अगर इस साल हल्दी का उत्पादन बढ़ा भी तो यह 11.25 लाख टन से ज्यादा नहीं होगा। वहीं पॉल का कहना है कि नांदेड जैसे हल्दी उत्पादक क्षेत्र में हल्दी की उत्पादकता में 10 से 15 फीसदी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में हल्दी का उत्पादन या तो पिछले साल के बराबर रह सकता है या फिर तीन से पांच फीसदी घट-बढ़ सकता है। हालांकि हल्दी उत्पादन की वास्तविक स्थिति का पता अगले महीने तक चल पाएगा।
आगे क्या रहने वाले हैं हल्दी के भाव?
जानकारों के मुताबिक हल्दी के भाव में थोड़ी और गिरावट आने के बाद इसके भाव सुधर सकते हैं। पॉल ने कहा कि चूंकि हल्दी का उत्पादन रकबा बढ़ने के अनुरूप बढ़ने वाला नहीं है। ऐसे में हल्दी की आवक का दबाव कम होने के बाद इसके भाव बढ़ सकते हैं। पांडेय ने कहा कि अभी हल्दी की कीमतों में 300 से 500 रुपये की गिरावट आ सकती है। हल्दी के भाव 13,000 रुपये तक जाने के बाद सुधर सकते हैं। आगे शादियों के सीजन में हल्दी की मांग बढ़ने से भी इसकी कीमतों में तेजी को बल मिल सकता है।