राजकोट। Coriander Sowing: देश के पश्चिमी प्रान्त- गुजरात में धनिया का बिजाई क्षेत्र पहले गत वर्ष से पीछे चल रहा था लेकिन अब 2.6 प्रतिशत आगे निकल गया है। बिजाई की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है और आमतौर पर फसल की हालत सामान्य बताई जा रही है। अगैती बिजाई वाली फसल में फूल लगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार गुजरात में 13 जनवरी 2025 तक धनिया का कुल उत्पादन क्षेत्र सुधरकर 1.30 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 1.27 लाख हेक्टेयर से 3400 हेक्टेयर या 2.67 प्रतिशत ज्यादा मगर तीन वर्षीय औसत क्षेत्रफल 1,58,440 हेक्टेयर से 17.70 प्रतिशत कम है।
गुजरात के सबसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्र- सौराष्ट्र संभाग में धनिया का रकबा गत वर्ष के 1,23,300 हेक्टेयर से 2.83 प्रतिशत या 3500 हेक्टेयर बढ़कर इस बार 1,26,800 हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
इससे संकेत मिलता है कि वहां किसानों ने इस महत्वपूर्ण मसाला फसल की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखाई है। गुजरात के अन्य भागों में सीमित क्षेत्रफल में धनिया की बिजाई होती है।गुजरात के अलावा राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में भी धनिया का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। वहां भी बिजाई सामान्य बताई जा रही है।
जीरा के साथ ही गुजरात एवं राजस्थान में धनिए की बिजाई भी आरंभ होती है और रबी सीजन की इन दोनों प्रमुख मसाला फसलों की कटाई-तैयारी भी लगभग साथ-साथ ही चलती है।पिछले साल की तुलना में इस बार गुजरात में जीरा के उत्पादन क्षेत्र में काफी कमी आई है और बिजाई क्षेत्र भी घट गया है।