राजकोट। Jeera Price: दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- गुजरात एवं राजस्थान में जीरा की बिजाई अब धीरे-धीरे सुधरने लगी है। मौसम भी काफी हद तक अनुकूल हो गया है। गुजरात में उत्पादन क्षेत्र 2.50 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच गया है।
इससे बाजार पर दबाव पड़ रहा है। घरेलू मांग सुस्त देखी जा रही है। पिछले सीजन में जीरा का शानदार उत्पादन हुआ था जिससे अच्छा खासा स्टॉक अब भी मौजूद है। कीमतों में तेजी मुख्यत: निर्यात मांग पर निर्भर रहेगी।
गुजरात के कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब तक 2.62 लाख हेक्टेयर से कुछ अधिक क्षेत्रफल में जीरे की बिजाई पूरी हो चुकी है जबकि कुछ इलाकों में इसकी प्रक्रिया अभी जारी है। राजस्थान में भी क्षेत्रफल सुधरने की सूचना मिल रही है।
गुजरात की ऊंझा मंडी में भाव स्थिर या नरम रहने से जीरे की औसत दैनिक आवक घटकर 7000-8000 बोरी रह गई है और कीमत भी 4750-4900 रुपए प्रति 20 किलो के बीच घूम रही है।
सीरिया से जीरे का निर्यात लगभग ठप्प पड़ गया है क्योंकि वहां भयंकर युद्ध का माहौल बना हुआ है। तुर्की में स्टॉक सीमित है और ईरान-अफगानिस्तान का स्टॉक भी काफी हद तक खाली हो चुका है। ऐसी हालत में चीन तथा खाड़ी क्षेत्र के देशों में जीरे की अच्छी मांग निकलने की उम्मीद की जा रही है।
जीरे का नया माल फरवरी-मार्च में आने लगेगा और बीच की अवधि में घरेलू तथा निर्यात मांग को पूरा करने के लिए भारत में इसका पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रहेगा। मुस्लिम बहुल देशों में जीरा की मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितम्बर 2024) में देश से करीब 1.29 लाख टन जीरा का शानदार निर्यात हुआ जो पिछले साल की समान अवधि के शिपमेंट 77 हजार टन से काफी अधिक है।