ED की फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत कार्रवाई
नई दिल्ली। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने कारोबारी और आईपीएल के पूर्व चेयरमैन चिरायु अमीन के कंट्रोल वाली कंपनी के 10.35 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड जब्त कर लिए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पनामा पेपर्स मामले में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत शनिवार को यह कार्रवाई की है।
ब्रिटेन के वर्जिन आईलैंड्स में किया इन्वेस्टमेंट
– एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने बताया कि उसने व्हीटफील्ड केमटेक प्राइवेट लिमिटेड के म्यूचुअल फंड जब्त किए हैं। यह कंपनी अमीन और उसके फैमिली मेंबर्स चला रहे हैं।
– बयान में कहा गया कि पनामा पेपर्स मामले में अमीन और उनके फैमिली मेंबर्स के नाम ब्रिटेन के वर्जिन आईलैंड्स में हिस्सेदारी या हित (stakes/interests) को लेकर सामने आए थे।
10 करोड़ में खरीदा था फ्लैट
– ईडी की जांच में पाया गया कि अमीन और उनके फैमिली मेंबर्स ने अपनी कंपनी व्हीटफील्ड केमटेक प्राइवेट लिमिटेड इंडिया के जरिए ब्रिटेन के कैंपडेन हिल में एक 3-BHK अपार्टमेंट खरीदा था। यह अपार्टमेंट 1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 10.32 करोड़ रुपए) में खरीदा गया था।
सिंगापुर की कंपनी को ट्रांसफर किए 15 करोड़
– ईडी के मुताबिक, “ब्रिटेन में यह प्रॉपर्टी खरीदने के लिए फर्म ने सिंगापुर की अपनी सहयोगी कंपनी को 2.4 मिलियन डॉलर (करीब 15.48 करोड़ रुपए) ट्रांसफर किए थे।”
– “यह पैसा ओवरसीज डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट के तौर पर ट्रांसफर किया गया था। यह रकम आगे यूएई में बंद की गई अपनी सहायक कंपनी और ब्रिटेन के वर्जिन आईलैंड्स को भेजी गई। आखिरी में प्रॉपर्टी खरीदने में 1.6 मिलियन डॉलर का इस्तेमाल किया गया।”
क्या कहता है फेमा का सेक्शन 37A
– ईडी ने यह कार्रवाई फेमा के सेक्शन 37A के तहत की है।
– फेमा 1999 की धारा 37ए में कहा गया है कि यदि इस कानून का उल्लंघन कर कुछ विदेशी मुद्रा, विदेशी प्रतिभूति या अचल संपत्ति देश के बाहर है उतनी ही की संपत्ति देश के भीतर जब्त की जा सकती है।
क्या है पनामा पेपर्स केस?
– पिछले साल ब्रिटेन में पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए थे। इसमें बताया गया था कि व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग और फुटबॉलर मैसी ने कैसे अपनी बड़ी दौलत टैक्स हैवन वाले देशों में जमा की। लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स में इस बात का पता चला था कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया था। इन लोगों ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉर्पोरेशंस बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया था।
– लीक हुई लिस्ट खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट्स के बारे में बताती है।
– सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता।
– पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।
कितने बड़े नाम?
– इस लिस्ट में 12 मौजूदा या एक्स वर्ल्ड लीडर्स शामिल हैं। इनमें रशियन प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ, चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग जैसे 140 नेता शामिल थे। पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो का नाम भी आया था। बता दें कि भुट्टो की एक आतंकी हमले में मौत हो चुकी है। यूक्रेन के प्रेसिडेंट और सऊदी अरब के किंग का नाम भी इस लिस्ट में था। हॉलीवुड स्टार जैकी चैन भी इसी लिस्ट का हिस्सा थे।
– स्पोर्ट्स फील्ड से बड़ा नाम लियोनोल मैसी शामिल का था, वे अर्जेंटीना के फुटबॉलर हैं।
कितने भारतीय?
– इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में 500 भारतीयों, कंपनियों और ट्रस्ट्स के नाम थे। अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन भी सवालों के घेरे में आए थे। डीएलएफ के प्रमोटर केपी सिंह, इंडियाबुल्स के समीर गहलोत, गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी और अंडरवर्ल्ड सरगना इकबाल मिर्ची के नाम लिस्ट में था।