एडवाइजरी ग्रुप ने नियमों में करीब 100 संशोधनों के सुझाव दिए
नई दिल्ली। वस्तुओं पर टैक्स रेट में संशोधन के बाद अब जीएसटी नियमों में भी बड़े बदलाव होने के आसार हैं। जीएसटी एडवाइजरी ग्रुप ने नियमों में छोटे-बड़े करीब 100 संशोधनों के सुझाव दिए हैं।
इनमें रिफंड की प्रक्रिया ऑटोमेटिक करने, रिटर्न समेत सभी प्रोसेस आसान बनाने, रिटर्न में संशोधन की इजाजत देने और नेशनल एडवांस रुलिंग अथॉरिटी के गठन का सुझाव भी शामिल है। एडवाइजरी ग्रुप के मेंबर और रिटेलरों की संस्था कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने यह जानकारी दी।
ग्रुप ने अपनी सिफारिशें 5 दिसंबर को सौंपी थी। वित्त मंत्रालय के अनुसार इन सिफारिशों को लॉ रिव्यू कमेटी के पास भेजा गया है। कमेटी की बैठक अगले हफ्ते बुधवार या गुरुवार को होगी। जीएसटी नियमों में संशोधन के सुझाव देने के लिए लॉ रिव्यू कमेटी के गठन का फैसला हुआ था।
इस कमेटी को सुझाव देने के लिए एक एडवाइजरी ग्रुप बनाया गया था। दोनों का गठन 2 नवंबर को हुआ था। कमेटी में केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी हैं। एडवाइजरी ग्रुप में लघु उद्योग भारती, फियो, कैट और प्राइवेट टैक्स प्रैक्टिसनर हैं।
12 और 18% टैक्स मिलाकर नया स्लैब बनेगा : सुशील मोदी
कोलकाता। जीएसटी में 12% और 18% टैक्स स्लैब को मिलाकर एक नया स्लैब बनाया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल इस संभावना पर विचार करेगी। लेकिन ऐसा करने से पहले जीएसटी से होने वाले टैक्स संग्रह का आकलन किया जाएगा। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को यहां भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में यह बात बताई।
उन्होंने कहा कि 28% स्लैब में अभी 50 वस्तुएं हैं। आगे इसे भी कम किया जा सकता है। मोदी ने बताया कि टैक्स रेट से जुड़े 90% मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि जीएसटी में ज्यादा दिक्कतें छोटे कारोबारियों (एमएसएमई) और टेक्सटाइल सेक्टर को हो रही हैं।
जीएसटी से पहले उन्हें सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी नहीं देनी पड़ती थी। उन पर सिर्फ वैट लागू होता था। उन्होंने कहा कि रिटर्न फाइलिंग में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन ये दिनों-दिन कम हो रही हैं। अब जीएसटी नेटवर्क पर हर घंटे 13 लाख रिटर्न फाइल किए जा रहे हैं।
नई टैक्स व्यवस्था स्थिर होने के बाद सरकार पेट्रोल-डीजल समेत सभी पेट्रोलियम प्रोडक्ट, बिजली और प्रॉपर्टी स्टांप ड्यूटी को इसमें शामिल करने पर विचार करेगी। मोदी ने तृणमूल कांग्रेस के साथ एक और विवाद को छेड़ दिया।
उन्होंने पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा की अध्यक्षता में राज्य करों पर बनाई गई समिति की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जीएसटी व्यवस्था के प्रभाव में आते ही अब इस समिति का उद्देश्य ही खत्म हो गया है। इसकी बैठक स्थगित करनी चाहिए।