नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार आठ मार्च को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान 10.47 अरब डॉलर बढ़कर 636.10 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह पिछले दो वर्षों में विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इससे संबंधित आंकड़े जारी किए। विदेशी मुद्रा भंडार में 14 जुलाई, 2023 को समाप्त सप्ताह के बाद से सबसे बड़ा उछाल आया है।
इससे पहले, 1 मार्च, 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार 6.55 बिलियन डॉलर बढ़कर 625.63 बिलियन डॉलर हो गया। आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन हफ्ते में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 8.12 अरब डॉलर बढ़कर 562.35 अरब डॉलर हो गईं। विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं के मूल्य में डॉलर की तुलना में हुई वृद्धि या कमी के प्रभावों का आकलन किया जाता है।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार 2.3 अरब डॉलर बढ़कर 50.72 अरब डॉलर हो गया, जबकि एसडीआर इस दौरान 3.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान आईएमएफ में देश का रिजर्व पोजिशन 1.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.82 बिलियन डॉलर हो गया।
अक्टूबर 2021 में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद वैश्विक उथल-पुथल से बने दबावों के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की मजबूती बनाए रखने के लिए कथित तौर पर इसका इस्तेमाल किया जिससे इसके भंडार में गिरावट दर्ज की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर नकदी प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। इसके तहत रुपये में भारी गिरावट को थामने के लिए डॉलर की बिक्री करना भी शामिल है। भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजारों पर कड़ी निगरानी रखता है केवल संभावित अस्थिरता की स्थिति में हस्तक्षेप करता है।
फरवरी में देश का निर्यात 41.4 अरब डॉलर पर पहुंचा
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में देश का निर्यात 11.9 प्रतिशत बढ़कर 41.4 अरब डॉलर रहा जो चालू वित्त वर्ष में सर्वाधिक है जबकि इस दौरान व्यापार घाटा 18.7 अरब डॉलर रहा।
फरवरी महीने में आयात का मूल्य 60.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो फरवरी 2023 में 53.58 प्रतिशत की तुलना में 12.16 प्रतिशत अधिक है। फरवरी 2023 में निर्यात का आंकड़ा 37.01 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं से कहा कि फरवरी महीने के दौरान निर्यात में चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने इस बात पर भी विश्वास व्यक्त किया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान कुल निर्यात पिछले साल के रिकॉर्ड निर्यात से भी अधिक होगा।
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