मॉर्गन स्टेनली इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के लिए जुटाएगी 1 अरब डॉलर

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मॉर्गन स्टेनली का यह फंड रोड, एयरपोर्ट, बंदरगाह और पावर प्लांट में निवेश करेगा।

वह लॉजिस्टिक्स और हेल्थकेयर, टेलिकम्यूनिकेशन्ज और एजुकेशन सेक्टर के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी रकम लगा सकता है।

मुंबई। अमेरिकी कंपनी मॉर्गन स्टेनली भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के लिए 1 अरब डॉलर का पहला फंड बना रही है, जिसके लिए अगले महीने तक वह 40-50 करोड़ डॉलर की रकम जुटा लेगी।

उसे भारत के कोर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी की उम्मीद है, जिसका फायदा वॉल स्ट्रीट की दिग्गज कंपनी ने इस फंड के जरिए उठाने की योजना बनाई है। वहीं, भारत सरकार इकनॉमिक ग्रोथ तेज करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर दांव लगा रही है।

मॉर्गन स्टेनली के इस फंड के लिए पेइचिंग में हेडक्वॉर्टर रखने वाले एक इन्वेस्टमेंट बैंक से 15 करोड़ डॉलर के ऐंकर इन्वेस्टमेंट का कमिटमेंट मिल भी चुका है।

सूत्रों ने बताया कि इसमें पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के सॉवरेन फंड्स (वहां की सरकारों के फंड) भी निवेश कर सकते हैं। 1 अरब डॉलर का यह फंड अगले साल मार्च तक बंद हो जाएगा और इसकी लाइफ 10 साल होगी।

इसके साथ यह भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के तीन टॉप इन्वेस्टमेंट फंड्स में से एक बन जाएगा। आईडीएफसी ऑल्टरनेटिव्स ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के लिए दो फंड्स बनाए हैं।

उसने इनके लिए 2 अरब डॉलर की रकम जुटाई है। वहीं, आईसीआईसीआई वेंचर, टाटा पावर के साथ मिलकर 1 अरब डॉलर से अधिक का फंड बनाने जा रही है।

मॉर्गन स्टेनली का यह फंड रोड, एयरपोर्ट, बंदरगाह और पावर प्लांट में निवेश करेगा। वह लॉजिस्टिक्स और हेल्थकेयर, टेलिकम्यूनिकेशन्ज और एजुकेशन सेक्टर के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी रकम लगा सकता है।

मॉर्गन स्टेनली ने मार्च 2016 से ही इसके लिए रकम जुटानी शुरू कर दी थी। पार्थसारथी और सुंदर भारत में आईडीएफसी के प्राइवेट इक्विटी बिजनस की संस्थापक टीम का हिस्सा थे।

सुंदर के पास देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का 17 साल का एक्सपीरियंस है। आईडीएफसी के अलावा वह आईसीआईसीआई बैंक और आईसीआईसीआई सिक्यॉरिटीज के इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के साथ भी काम कर चुके हैं।

पार्थसारथी ने यूबीएस इन्वेस्टमेंट की बैंकिंग यूनिट और गोल्डमैन सैक्स के सिंगापुर ऑफिस में भी काम किया है। इसके अलावा, वह लीमैन ब्रदर्स के न्यूयॉर्क, हॉन्गकॉन्ग और लंदन ऑफिस में भी काम कर चुके हैं।

पूर्व इंडिया हेड गौतम भंडारी सहित ग्लोबल पार्टनर्स के जाने के बाद मॉर्गन ने अपनी भारतीय इन्वेस्टमेंट टीम में फेरबदल शुरू किया था। इन लोगों ने अमेरिकी फर्म से अलग होकर 3 अरब डॉलर का ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड शुरू किया था।

पिछले साल मार्च में मॉर्गन स्टेनली ने अपने दूसरे ग्लोबल इन्फ्रा फंड के लिए 3.6 अरब डॉलर जुटाए थे, लेकिन अब वह भारत के लिए खासतौर पर 1 अरब डॉलर का फंड तैयार कर रही है।