आम बजट की तैयारी अगले हफ्ते से – वित्त मंत्रालय

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  • बजट पर 14 सितंबर से विचार-विमर्श शुरू करेगा वित्त मंत्रालय
  • रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बनाएगी मोदी सरकार
  • इस बार के आम बजट पर होगी “टीम इंडिया” की छाप
  • 3 साल के एफडी हो सकते हैं टैक्स फ्री
  • पंचवर्षीय योजनाओं का आम बजट में हो सकता है पटाक्षेप

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पेश किए जाने वाले आम बजट की तैयारी वित्त मंत्रालय अगले हफ्ते शुरू करेगा। आपको बता दें कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला आम बजट होगा।

वित्त मंत्रालय जल्द ही विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए समय सीमा जारी करेगा। फिलहाल अगला बजट फरवरी में पेश किया जाना तय है। यह मौजूदा सरकार का अंतिम पूर्ण आम बजट होगा क्योंकि साल 2019 में लोकसभा चुनाव होना है।

आजाद भारत के पहले कर सुधार कहे जाने वाले वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) को 1 जुलाई 2017 को लागू कर दिया गया था। वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में टैक्स का वर्गीकरण अलग था।

लेकिन अगले बजट में कई अप्रत्यक्ष करों के खत्म हो जाने के कारण बजट में बड़े बदलाव करने होंगे। एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि जीएसटी दरों के बारे में निर्णय केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल करेगी, ऐसे में 2018-19 के बजट में जीएसटी से संबंधित कोई टैक्स प्रस्ताव नहीं होगा।

बजट में सरकार की नई योजनाओं और कार्यक्रमों के साथ केवल प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत इनकम टैक्स और कार्पोरेट टैक्स) के मामले में बदलाव के प्रस्ताव होंगे। इसके अलावा सीमा शुल्क का प्रस्ताव होगा।

अधिकारी के मुताबिक जब से जीएसटी काउंसिल की ओर से जीएसटी दरें तय की गई हैं, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली करते हैं और उसमें अन्य राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।

काउंसिल ने 9 सितंबर को हुई बैठक में रोजमर्रा के इस्तेमाल की करीब 40 वस्तुओं पर लगने वाली जीएसटी दर को कम किया है। वहीं शनिवार को जीएसटीआर-1 की आखिरी तारीख को भी बढ़ाकर 10 अक्टूबर कर दिया गया।