गांवों से डिजिटल हेल्थ प्रोफाइल बनाने की शुरुआत

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  • डिजिटल इंडिया के तहत राज्य में सबसे पहले झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में हुआ एमओयू

  • 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पूरे जिले के लिए करेंगी उद्घाटन

  • पहले चरण में 4 कस्बों से होगा डिजिटलीकरण

कोटा/झालावाड़। राज्य में सबसे पहले झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में मरीजों के रिकॉर्ड को डिजिटल करने के लिए शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने मेडकॉर्ड्स के साथ एमओयू किया। एसआरजी चिकित्सालय में एक समारोह में मुख्य अतिथि सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा कि हमारे लिए जीवन में स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं।

इसलिए मेडकॉर्ड्स द्वारा प्रत्येक नागरिक की हेल्थ प्रोफाइल बनाना बहुत उपयोगी रहेगा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस स्टूडेंट्स से कहा कि वे भी ऐसे नवाचार से जुडे़ं जिससे आम जनता को राहत मिले।

मुख्यमंत्री  वसुंधरा राजे आगामी 17 सितंबर को पूरे जिले के लिए इस डिजिटलीकरण सुविधा का उद्घाटन करेगी। पहले चरण में भवानीमंडी, सुनेल, अकलेरा एवं खानपुर से इसे प्रारंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री की मंशा है कि 2018 तक पूरे राज्य के नागरिकों की डिजिटल हेल्थ प्रोफाइल बनाने की दिशा में तेजी से काम हो। सांसद ने कहा कि मेडकॉर्ड्स हेल्थकेयर जैसी डिजिटल सुविधा से झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में नए आयाम स्थापित होंगे क्योंकि जिला अस्पताल होने से यहां गांवों से मरीज ज्यादा आते हैं।

जन-अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार ने कहा कि जिले में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जाएगा। हमें गर्व है कि आज जिन दो युवाओं ने इस सुविधा के लिए सबसे पहले झालावाड़ मेडिकल कॉलेज को चुना, उनका नाम पूरे देश में हो रहा है।

विशिष्ट अतिथि संसदीय सचिव नरेंद्र नागर, भाजपा विधायक आर.सी.सुनारीवाल, विधायक के.एल.मीणा एवं भाजपा जिलाध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि जिले में मेडिकल सुविधाओं को डिजिटल करने से आम जनता को बहुत मदद मिलेगी।

समारोह में जिला प्रमुख श्रीमती टीना भील, जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर.के.आसेरी, एसआरजी अस्पताल के अधीक्षक डॉ.के.के.शर्मा एवं अतिरिक्त प्रिंसीपल प्रथम डॉ.दीपक गुप्ता सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर्स, गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

गांव और गरीब के इलाज को प्राथमिकता
इससे पहले सीएमएचओ डॉ.साजिद खान के साथ मेडकॉर्ड्स के सीईओ श्रेयांस मेहता ने एमओयू किया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमने डिजिटल हेल्थकेअर के लिए ग्रामीण क्षेत्र को चुना ताकि गरीब मरीजों को समय पर सस्ता व सही इलाज मिल सके।  एसआरजी हॉस्पीटल के डॉक्टर्स ने बताया कि ग्रामीण मरीजों से जांच रिपोर्ट व पर्चे गुम हो जाते हैं, जिससे उन्हें दोबारा जांचें करवानी पड़ती है।

चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (Chief Technology Officer) निखिल बाहेती ने बताया कि मेडकॉर्ड्स पर पंजीयन होने के बाद प्रत्येक नागरिक के पिछले एवं वर्तमान हेल्थ रिकॉर्ड गोपनीय एवं सुरक्षित रहेगा, जिसे वे मोबाइल से कहीं भी उपयोग कर सकेंगे। गांवों तक मोबाइल होने से हर नागरिक को इसका लाभ मिलेगा।