कंपोजिशन में 16 अगस्त तक केवल 10 लाख पंजीकरण

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मौजूदा नियमों के अनुसार, जिन्होंने 16 अगस्त तक पंजीकरण नहीं कराया है, उनके लिए अगले साल ही मौका मिल सकता है।

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत  छोटे कारोबारियों को राहत देने के कर अनुपालन और स्थिर कर की दर योजना को जल्द ही दोबारा लाई जा सकती है। 16 अगस्त को खत्म हुई कंपोजिशन स्कीम को केवल 10 लाख करदाताओं द्वारा ही अपनाया गया था।

ऐसे में जीएसटी परिषद शनिवार को हैदराबाद में होने वाली बैठक में इस योजना को दोबारा शुरू करने पर विचार कर सकता है। अगर ऐसा हुआ छोटे कारोबारियों को इस योजना का लाभ उठाने का एक और मौका मिल सकता है।

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘छोटे कारोबारियों द्वारा पंजीकरण में समस्या का सामना करने की शिकायत मिली थी। कुछ कारोबारी कंपोजिशन स्कीम की जरूरतों के अनुरूप अपने कारोबारी मॉडल का मूल्यांकन करने के लिए थोड़ा समय चाहते थे।

ऐसे में हम चाहते हैं कि उन्हें इस योजना को अपनाने के लिए एक मौका और दिया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यह योजना विस्तारित अवधि के अंत में जोर पकड़ी और 16 अगस्त तक 9,80,000 इकाइयाों ने पंजीकरण कराया, जबकि पहले की समय सीमा 21 जुलाई तक महज 1 लाख करोबारियों ने ही पंजीकरण कराया था।

दूसरे शब्दों में कहें तो कुल जीएसटी करदाताओं में से करीब 11 फीसदी ने कंपोजिशन स्कीम को अपनाया है। 75 लाख रुपये सालाना कारोबार वाली इकाइयां इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं, जिसके तहत अगर इकाइ व्यापार से जुड़ी है 1 फीसदी, विनिर्माण पर 2 फीसदी और रेस्टोरेंट कारोबार पर 5 फीसदी कर देना पड़ता है।

मौजूदा नियमों के अनुसार, जिन्होंने 16 अगस्त तक पंजीकरण नहीं कराया है, उनके लिए अगले साल ही मौका मिल सकता है। लेकिन जीएसटी परिषद अगर मंजूरी देती है तो पंजीकरण नहीं कराने वालों को स्थिर दर योजना अपनाने का एक और मौका जल्द ही मिल सकता है।