GST सिस्टम की नाकामी की सजा कारोबारी क्यों भुगतें?

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राजस्थान हाई कोर्ट ने इस अपील पर केंद्र से एक हफ्ते में जवाब मांगा है कि जब आपका सिस्टम तैयार नहीं था तो कारोबारियों पर ‘क्लिनिकल ट्रायल’ क्यों थोपा गया

नई दिल्ली।/ जयपुर / कोटा  जीएसटी के कई पेचीदा प्रावधानों के बाद अब पोर्टल में खराबी को लेकर भी अदालतों ने सरकार से जवाब तलब शुरू कर दिया है।

रजिस्ट्रेशन और माइग्रेशन फॉर्म में खामियों, संशोधन में दिक्कतें, ब्याज और जुर्माना, कंपोजिशन विंडो बंद करने, क्रेडिट के फॉर्म ट्रांस-1 में गड़बड़ियों, एक्सपोर्टर्स का रिफंड रोकने सहित कई मसलों पर दिल्ली सहित कई राज्यों के उच्च न्यायालयों में रोजाना कोई न कोई अपील दाखिल हो रही है।

बुधवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि कंप्लायंस में आ रही तकनीकी दिक्कतों का नुकसान कारोबारी क्यों सहें? कोर्ट ने जटिल प्रावधानों की वैधता पर भी सरकार से जवाब मांगा है।

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स के जनरल सेक्रटरी संजय शर्मा ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से तकनीकी और वैधानिक दिक्कतों को लेकर जैसे-जैसे अपीलें आ रही हैं, अदालतें सवाल उठाती जा रही हैं।

दो महीने के भीतर जीएसटी की डेट तीन बार बढ़ाया जाना इसका संकेत है कि सरकार और उसके सिस्टम की तैयारी ठीक नहीं थी। राजस्थान हाई कोर्ट ने इस अपील पर केंद्र से एक हफ्ते में जवाब मांगा है कि जब आपका सिस्टम तैयार नहीं था तो कारोबारियों पर ‘क्लिनिकल ट्रायल’ क्यों थोपा गया।

दिल्ली हाई कोर्ट में भी लगातार याचिकाएं दाखिल हो रही हैं, जिनमें से ज्यादातर तकनीकी खामियों के चलते व्यापारियों को हो रहे नुकसान के खिलाफ आ रही हैं।

जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस एम प्रतिभा सिंह की बेंच ने निर्यातकों की याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है कि जीरो रेटेड सप्लाई पर टैक्स नहीं चुकाने के लिए कोई कारोबारी बैंक गारंटी या बॉन्ड क्यों जमा करे?

कारोबारियों की ओर से इस बात पर भी आपत्ति जताई गई है कि इस नियम के दायरे में 1 करोड़ टर्नओवर से कम के असेसी को ही रखा गया है, जबकि बड़े कारोबारियों को छूट दी गई है।

पोर्टल की सुस्ती पर जेटली से मिलेंगे ट्रेडर
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी पोर्टल की सुस्ती और तकनीकी खामियों को लेकर सरकार को आगाह किया है।

पोर्टल में दिक्कतों की लगातार शिकायतों के बाद संगठन अब वित्तमंत्री से मिलकर इसे गंभीरता से लेने की अपील करेगा। कन्फेडरेशन के प्रेसिडेंट बी सी भरतिया ने बताया कि देश भर से पोर्टल हैंग होने और एरर की शिकायतें अब भी मिल रही हैं।

हमने वित्तमंत्री से मिलने का फैसला किया है। हम सरकार को बताना चाहते हैं कि जीएसटी बड़े चुनौती पूर्ण ढंग से लागू हुई है और सिस्टम से कारोबारियों का भरोसा नहीं उठना चाहिए।