बेनामी संपत्ति : ED ने मीसा भारती का फार्महाउस किया अटैच

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  • करोड़ों रुपये के बेनामी संपत्ति मामले में मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार ईडी के रेडार पर हैं।

  • कुछ दिनों पहले ही ईडी ने 8,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनके खिलाफ छापा मारा था।

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार का फार्महाउस अटैच कर लिया है।

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की तहत हुई इस कार्रवाई का मतलब है कि मीसा भारती अब इस फार्महाउस का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी। यह फार्महाउस दिल्ली में पालम के बिजवासन में है।

दरअसल, करोड़ों रुपये के बेनामी संपत्ति मामले में मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार ईडी के रेडार पर हैं। कुछ दिनों पहले ही ईडी ने 8,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनके खिलाफ छापा मारा था।

फर्जी कंपनियों की संलिप्तता वाली मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 8 जुलाई को केंद्रीय जांच एजेंसी ने मीसा, शैलेश के दिल्ली स्थित तीन परिसरों और उनसे संबद्ध एक कंपनी पर छापा मारा था।

मीसा, उनके पति के नाम से पंजीकृत तीन फार्म हाउसों और मिशैल प्रिंटर्स ऐंड पैकर्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में ईडी ने तलाशी ली थी। मीसा और उनके पति इस कंपनी के कथित तौर पर निदेशक थे।

यह समन और तलाशी 8,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबद्ध है जो ईडी ने दिल्ली आधारित कारोबारी बंधु- सुरेंद्र कुमार जैन और वीरेंद्र जैन और अन्य के खिलाफ की थी। इन्होंने 90 फर्जी कंपनियों के जरिए कथित तौर पर करोड़ों रुपये के काले धन को सफेद किया था।

निदेशालय धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामले में जैन बंधुओं को पहले ही गिरफ्तार कर चुका है। जांच एजेंसी ने बताया कि इसने पता लगाया कि मिशैल प्रिंटर्स ऐंड पैकर्स प्रा. लि. के 1,20,000 शेयर वर्ष 2007-2008 के दौरान 100 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीदे गए थे।

इसे चार फर्जी कंपनियों- शालिनी होल्डिंग्स लिमिटेड, ऐड फिन कैपिटल सर्विसेज (इंडिया) प्रा. लिमिटेड, मणि माला दिल्ली प्रॉपर्टिज प्रा. लि. और डायमंड विनिमय प्रा. लि. ने खरीदा था। इन 1,20,000 शेयर को मीसा ने 10 रुपये प्रति शेयर की दर से वापस खरीद लिया।

लालू प्रसाद के परिवार की कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने वाला प्रवर्तन निदेशालय तीसरी केंद्रीय एजेंसी है। वहीं, सीबीआई और आयकर विभाग ने अपनी जांच के तहत करीब 180 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कुर्क की थी।