रेरा : बिल्डर बचने के लिए बैक डेट में करा रहे पजेशन लेटर साइन

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जयपुर। प्रदेश में एक मई से पहले के प्रोजेक्ट्स का रियल एस्टेट रेग्यूलेरेटी अथॉरिटी (रेरा) में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए समय सीमा में दी गई छूट खत्म हो चुकी है। रेरा के प्रावधानों के मुताबिक ऐसे प्रोजेक्ट्स पर उसकी लागत की 10 प्रतिशत तक पेनल्टी लगाई जा सकती है। यानी 10 करोड़ का कोई प्रोजेक्ट है तो उस पर एक करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई जा सकती है।

एक मई से पहले के प्रोजेक्ट को रेरा में रजिस्ट्रेशन से एक ही शर्त पर छूट मिल सकती है कि या तो उसने एक मई से पहले कंप्लीशन सर्टिफिकेट ले लिया हो और या उसके 60 फीसदी फ्लैट्स के पजेशन बायर को दे दिए गए हों। ऐसे में अब डवलपर रेरा से बचने के लिए फ्लैट ऑनर्स को एक मई से पहले की तारीख में पजेशन लेटर जारी कर रहे हैं।

पेनल्टी पर फैसला सोमवार को होगा
रेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए पेनल्टी क्या हो इसका फैसला सोमवार को होगा। डवलपर्स एसोसिएशन क्रेडाई रेरा रजिस्ट्रेशन में सितंबर तक छूट की मांग कर रही है।

लेकिन अथॉरिटी की तरफ से समय सीमा में छूट दिए जाने से मना कर दिया है। ऐसे में अब उन डवलपर्स पर कार्रवाई शुरू होगी जो रेरा के दायरे में आते हैं लेकिन अब तक रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं किया है।

अब तक 560 प्रोजेक्ट्स ने किए आवेदन
हालांकि प्रदेश के ज्यादातर बड़े प्रोजेक्ट्स रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर चुके हैं। अब तक 560 प्रोजेक्ट्स रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए अपने दस्तावेज ऑनलाइन जमा करवा चुके हैं।

इनमें से इसमें से 129 को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा 85 प्रोजेक्ट जयपुर से रजिस्टर हुए हैं। इनके अलावा अलवर, बीकानेर, गंगानगर, अजमेर से भी प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन हुए हैं।

पजेशन लेटर पर साइन से पहले तारीख जरूर देखें
रेरा चेयरमैन तथा यूडीएच के एसीएस मुकेश शर्मा का कहना है कि रेरा बिना शिकायत के कार्रवाई नहीं कर सकता। कोई भी डवलपर अगर बैक डेट में पजेशन लेटर साइन करवा रहा है तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए ।बायर भी साइन करके अपने अधिकार खो देगा। कहीं परेशानी है तो इसकी शिकायत करनी चाहिए। रेरा इस मामले में डवलपर पर कार्रवाई करेगा।