जीएसटी की 4 दरों में से एक दर हो सकती है कम

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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल मौजूदा दो जीसटी दरों 12 और 18 फीसद की जगह एक जीएसटी दर बनाने पर विचार कर सकती हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को यह जानकारी दी है।

वस्तु एवं सेवा कर कानून पूरे देश में 1 जुलाई को लागू कर दिया गया था। द इकोनोमिस्ट की ओर से आयोजित भारत शिखर सम्मेलन में बोलते हुए जेटली ने कहा, “मैं ऐसी स्थिति को देखता हूं जहां टैक्स कंप्लाइंस अधिक है और ट्रांजिशन स्मूथ (सहज) है।

जीएसटी काउंसल जो कि इस समय चुनौतियों के प्रति संवेदनशील है मुद्रास्फीति के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त निर्णय (कर स्लैब पर) ले सकती है।” मौजूदा समय में जीएसटी के अंतर्गत 1,200 उत्पाद में से 7 फीसद एग्जेंप्ट लिस्ट में जबकि 14 फीसद लोअर टैक्स ब्रैकेट (5 फीसद) पर सीमत हैं।

इसके अलावा 17 फीसद उत्पाद 12 फीसद के टैक्स ब्रैकेट में हैं और 43 फीसद 18 फीसद के टैक्स ब्रैकेट में। इनमें से सिर्फ 19 फीसद उत्पादों को ही टॉप टैक्स ब्रैकेट यानी 28 फीसद के स्लैब में रखा गया है।

जीएसटी काउंसिल की 21वीं बैठक हैदराबाद में 9 सितंबर को, कानून लागू होने के बाद हैदराबाद में होगी। यह काउंसिल की 21वीं बैठक होगी। यह जानकारी तेलंगाना सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। देश में जीएसटी लागू होने के बाद यह काउंसिल की तीसरी बैठक होगी, जिसका गठन बीते साल सितंबर में किया गया था।

गौरतलब है कि बीती 1 जुलाई 2017 को ही देशभर में वस्तु एवं सेवा कर कानून जीएसटी लागू कर दिया गया था।अधिकारी ने बताया, “यह बैठक हैदराबाद में होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

इस बैठक में किन मुद्दों पर बात होगी इस पर जल्द फैसला किया जाएगा। हमारी (तेलंगाना) सरकार बीडी उद्योग और ग्रेनाइट के लिए रियायत जैसे अन्य विषयों के अलावा सरकारी परियोजनाओं के लिए कर छूट का मुद्दा उठाने जा रही है।”