सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक बढ़ाई आधार की डेडलाइन

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आधार को सोशल स्कीम से लिंक करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को मानते हुए कोर्ट ने कहा कि वो इस पर नवंबर के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार मामले की सुनवाई से पहले सोशल सिक्युरिटी स्कीम के लिए आधार कार्ड बनाने की डेडलाइन को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। पहले यह सीमा 30 सितंबर तक की थी।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि वो नवंबर के पहले हफ्ते में आधार कार्ड से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगा। केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच में पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार डेडलाइन बढ़ाने पर पूरी तरह से सहमत है। 

आधार को सोशल स्कीम से लिंक करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को मानते हुए कोर्ट ने कहा कि वो इस पर नवंबर के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगा।   

सरकार ने की पांच जजों की बेंच में सुनवाई की मांग
वेणुगोपाल ने कोर्ट से मांग की कि इस मामले की सुनवाई 3 की जगह पांच जजों की बेंच करे। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार की आधार को सोशल स्कीम से जोड़ने की योजना पर स्टे लगाने से भी इंकार कर दिया। 

निजता के अधिकार पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मौलिक अधिकार है। आधार कार्ड योजना को दी गई चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। 9 जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से कहा कि आधार की सूचना लीक नहीं कर सकते, साथ ही निजता की सीमा तय करना संभव नहींं है।

सुप्रीम कोर्ट ने ये जरूर कहा है कि आधार और पैन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इससे पहले दो अगस्त को सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि निजता को मौलिक अधिकार कहा जा सकता है लेकिन यह पूरी तरह से अनियंत्रित नहीं है यानी शर्त विहीन नहीं है। ऐसे में निजता के अधिकार को पूरी तरह से मौलिक अधिकार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।