बिल्डिंग मिली तो 6 साल बाद घर लौटेगी कोटा ट्रिपल आईटी

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सरकार नए शैक्षणिक सत्र से ट्रिपल आईटी की क्लासेज कोटा में ही संचालित करने की कोशिशों में जुटी है।

कोटा में क्लास के लिए आईएल कैंपस समेत कुछ जगह चिन्हित की गई हैं।

 

कोटा। कोटा ट्रिपल आईटी 6 साल बाद जयपुर से अपने घर वापस लौटेगी। आईएल की खाली पड़ी बिल्डिंग में क्लास शुरू करने की तैयारी हो गई है। वर्ष 2011 में स्थापित हुई कोटा ट्रिपल आईटी की कक्षाएं अभी तक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जयपुर में संचालित हो रही थी।

ट्रिपल आईटी की इमारत के निर्माण के लिए राजस्थान सरकार ने कोटा में 100 एकड़ जमीन आवंटित की थी, लेकिन इस पर अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

इस स्थिति में राज्य सरकार ने फैसला किया है कि जब तक आवंटित जमीन पर नई बिल्डिंग तैयार नहीं हो जाती, तब तक आईएल की खाली पड़ी इमारत में ट्रिपल आईटी का संचालन शुरू कर दिया जाए।

ट्रिपल आईटी को जयपुर से कोटा वापस लाने की उच्च स्तरीय कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए गुरुवार को जयपुर में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। जिसमें कोटा जिला कलक्टर रोहित गुप्ता भी शामिल हुए।

जिला कलक्टर ने बताया कि सरकार नए शैक्षणिक सत्र से ट्रिपल आईटी की क्लासेज कोटा में ही संचालित करने की कोशिशों में जुटी है। कोटा में क्लास कहां लगेंगी इसके लिए आईएल कैंपस समेत कुछ जगह चिन्हित की गई हैं।

जिसे अंतिम रूप देने के लिए राज्य सरकार केन्द्र सरकार को पत्र लिखेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से इसकी सहमति मिलने के बाद चयनित स्थान पर क्लासेज शुरू कर दी जाएगी।

अगले शैक्षणिक सत्र में शुरू होंगी क्लास
बैठक में हुए निर्णय के अनुसार राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को इस आशय का पत्र लिखा जाएगा। इसके बाद मानव संसाधन मंत्रालय की टीम कोटा आईएल परिसर और अन्य प्रस्तावित स्थलों का मौका निरीक्षण करने आएगी।

वहां से सहमति मिलने के बाद कोटा में कक्षाएं शुरू की जाएंगी। अभी जगह फाइनल नहीं हुई है, लेकिन आईएल परिसर में कक्षाएं शुरू करने की संभावना तालशी जा रही है। हालांकि इतना तय है कि नए शैक्षणिक सत्र में ट्रिपल आईटी की कक्षाएं कोटा में ही लगेंगी।

पीपीपी मोड़ में स्थापित देश की पहली ट्रिपल आईटी
वर्ष 2011 में कोटा में ट्रिपल आईटी स्थापित करने की घोषणा की गई थी। कोटा ट्रिपल आईटी देश का पहला प्रोद्योगिकी संस्थान है जिसे सरकार ने निजी जन सहभागिता (पीपीपी मोड) पर शुरू किया था।

128 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली कोटा ट्रिपल आईटी के निर्माण पर 50 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार कर रही। जबकि 35 प्रतिशत राज्य सरकार और 15 प्रतिशत खर्च चार औद्योगिक घराने निवेश के जरिए कर रहे हैं।

घोषणा के बाद केंद्र और राज्य के बीच धन आवंटन को लेकर ऐसे पेंच फंसा कि अभी तक सिर्फ राज्य सरकार संस्थान के लिए 100 एक़ड़ जमीन ही आवंटित कर पाई है।

जयपुर एनआईटी में हो रहे हैं दाखिले
स्थापना के दो साल बाद कोटा ट्रिपल आईटी में 30 सीटों पर दाखिले लिए गए, लेकिन क्लास शुरू करने के लिए सरकार ने राजस्थान तकनीकि विश्वविद्यालय (RTU) परिसर के बजाय जयपुर एनआईटी को प्राथमिकता दी।

इस दौरान कोटा ट्रिपल आईटी को भवन भले ही ना मिला हो, लेकिन पीपीपी मोड पर ही राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा जरूर मिल चुका है। कोटा ट्रिपल आईटी में फिलहाल दो ब्रांच में सीटों की संख्या बढ़ाकर 60 कर दी गई है।