विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर में 400 बिलियन डॉलर संभव

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विदेशी मुद्रा भंडार की रफ्तार बीते चार हफ्तों की ही तरह रही तो फॉरेक्स रिजर्व सितंबर तक 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू सकता है।

नई दिल्ली । भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर महीने तक 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू सकता है। यह अनुमान वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी मार्गन स्टैनले ने लगाया है। मार्गन स्टैनले ने बताया कि साल 2015 के दौरान इंडिया का विदेशी मुद्रा भंडार ऑल टाइम हाई पर था और यह काफी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा था।

4 अगस्त तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 393 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था। मार्गन स्टैनले ने अपने रिसर्च नोट में कहा, “अगर विदेशी मुद्रा भंडार की रफ्तार बीते चार हफ्तों की ही तरह रही तो फॉरेक्स रिजर्व सितंबर 8 तक 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू सकता है।”

मार्गन स्टैनले ने अपने रिसर्च नोट में कहा, “पिछले 12 महीनों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लाभ एशिया और पूर्व जापान के क्षेत्र में सबसे मजबूत रहा है।” मार्गन स्टैनले ने भारत के फॉरेक्स रिजर्व में हो रहे इस तेज इजाफे के पीछे की प्रमुख वजह मजबूत पूंजी प्रवाह और कर्ज की मांग का कमजोर होना बताया है।

विदेशी मुद्रा भंडार 393.612 बिलियन डॉलर हुआ
देश के विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में 163.8 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। इस इजाफे से साथ फॉरेक्स रिजर्व ने 11 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में 393.612 बिलियन डॉलर का नया उच्चतम स्तर छू लिया है।

आरबीआई की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक ऐसा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में वृद्धि के कारण हुआ है। बीते सप्ताह फॉरेक्स रिजर्व 581.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 393.448 बिलियन के स्तर पर पहुंच गया था।

फॉरेक्स रिजर्व में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) की बड़ी भूमिका होती है और डेटा के मुकाबिक 175.6 मिलियन डॉलर के इजाफे के साथ 369.899 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गई हैं।

अगर अमेरिकी डॉलर के टर्म में बात करें तो एफसीए में गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे कि यूरो, पौंड और येन की मूल्यवृद्धि और मूल्यह्रास के प्रभाव को शामिल किया जाता है। हालांकि गोल्ड रिजर्व 19.943 बिलियन डॉलर के स्तर पर बरकरार रहा है।