इंफोसिस की 13 हजार करोड़ के शेयरों की पुनर्खरीद योजना मंजूर

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कंपनी ने पुनर्खरीद के लिये प्रति शेयर 1,150 रुपये का भाव तय किया है, जो 25 फीसदी अधिक है। 

नयी दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी आईटी कंपनी इंफोसिस के निदेशक मंडल ने 13 हजार करोड़ रुपये तक के शेयरों की पुनर्खरीद योजना को आज मंजूरी दे दी।

कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी जानकारी में कहा है कि पुनर्खरीद के लिये प्रति शेयर 1,150 रुपये का भाव तय किया गया है। यह भाव कंपनी के शुक्रवार के बाजार बंद होने के 923.10 रुपये के भाव से करीब 25 फीसदी अधिक है। कंपनी 11.3 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद करेगी।

इन्फोसिस की अपने शेयरों की यह पहली पुनर्खरीद घोषणा है। इससे पहले इस साल अप्रैल में देश की सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज 16,000 करोड़ रुपये की शेयर पुनर्खरीद योजना की घोषणा कर चुकी है।

विप्रो भी इस साल के आखिर में शेयर पुनर्खरीद योजना को अमली जामा पहनायेगी। इन्फोसिस ने पुनर्खरीद प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति में सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन, कार्यकारी उपाध्यक्ष विशाल सिक्का और अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ एवं प्रबंध निदेशक यूबी प्रवीण राव भी शामिल हैं।

इसके अन्य सदस्यों में मुख्य वित्तीय अधिकारी सीएफओ एमडी रंगनाथ, डिप्टी सीएफओ जयेश संगराजका, महा अधिवक्ता इंदरप्रीत साहनी और कंपनी सचिव एजीएस मनिकांत शामिल हैं। इंफोसिस ने कहा कि निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृत पुनर्खरीद में 11.3 करोड़ शेयरों को खरीदा जाएगा जो कंपनी के कुल शेयरों का 4.92 प्रतिशत है।

उसने कहा कि पुनर्खरीद की प्रक्रिया की समयसीमा तथा अन्य जानकारियों की घोषणा आगे की जाएगी। इस प्रक्रिया को एक विशेष प्रस्ताव के जरिये शेयरधारकों की स्वीकृति मिलनी शेष है। निदेशक मंडल ने इस पुनर्खरीद को ऐसे समय में मंजूरी दी है जब एक दिन पहले ही विशाल सिक्का ने कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा दिया है।

उन्होंने कंपनी के कुछ संस्थापकों द्वारा कंपनी संचालन को लेकर आरोप लगाये जाने और भ्रमित करने वाला अभियान चलाये जाने के मद्देनजर इस्तीफा दिया। निदेशक मंडल ने सिक्का के इस्तीफे के लिए सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्त की मुहिम को जिम्मेदार बताया।

टीसीएस से पहले सबसे बड़ी पुनर्खरीद की घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज ने की थी। उसने एक फरवरी 2012 से 19 जनवरी 2013 के बीच 10,440 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की बात कही थी। हालांकि, वह इसका 38 प्रतिशत यानी महज 3,900 करोड़ रुपये के शेयरों की ही पुनर्खरीद कर पायी।

इस अवधि में उसके शेयर आठ प्रतिशत मजबूत हुए थे। इंफोसिस ने अप्रैल में घोषणा की थी कि वह इस विा वर्ष में लाभांश या पुनर्खरीद के जरिये शेयरधारकों को 13 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।