स्वतंत्रता दिवस पर मोदी ने किया न्यू इंडिया बनाने का आह्वान

732

वर्ष 2018 की एक जनवरी सामान्य नहीं होगी, जिन लोगों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है, उनके लिए यह अहम वर्ष है। 

नई दिल्ली। स्वाधीनता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषण में भ्रष्टाचार, नोटबंदी, कश्मीर, किसान, जीएसटी, रोजगार और तीन तलाक सहित तमाम अन्य मुद्दों को शामिल करते हुए करते सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और साल 2022 तक न्यू इंडिया बनाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही गोरखपुर त्रासदी का भी जिक्र किया और कहा कि दुख की घड़ी में हर देशवासी साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ‘चलता है’ का जमाना अब जा चका है। अब ‘बदला है, बदल रहा है और बदल सकता है’ का वक्त आ गया है।

मोदी ने इशारों में गोरक्षा की आड़ में हो रही हिंसा की आचोलना की और कहा कि देश आस्था के नाम पर हिंसा के रास्ते पर नहीं चल सकता। इसके अलावा मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हुए देश की सेनाओं के सामर्थ्य का बखान कर इशारों में चीन और पाकिस्तान को भी संदेश दिया।

गोरखपुर त्रासदी पर बोले मोदी
बीआरडी अस्पताल में 70 से अधिक बच्चों की मौत पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरे देश को इन बच्चों की मौत और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की जान जाने का दुख है और पूरे देश की सहानुभूति प्रभावित परिवारों के साथ है।

उन्होंने कहा, ‘हाल के समय में देश के कई हिस्सों में लोगों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा। जलवायु परिवर्तन का नतीजा है कि कभी-कभी यह प्राकृतिक आपदा संकट लाती है।

एक अस्पताल में बच्चों की मौत हो गयी। दुख की घड़ी में सभी देशवासी साथ खड़े हैं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि ऐसे संकट के समय पूरी संवेदनशीलता के साथ जनसामान्य की सुरक्षा के लिए कुछ भी करने में हम कमी नहीं रहने देंगे।’

‘सामूहिक संकल्प शक्ति से बनेगा न्यू इंडिया’
2022 में आजादी के 75 साल पूरे होंगे। 1942 से 1947 तक देश ने एक सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया। हमें आजादी के 75 साल के बाद अपनी सामूहिक संकल्पशक्ति, सामूहिक प्रतिबद्धता के जरिए देश को आगे बढ़ाना है।

हम जानते हैं कि सामूहिकता की शक्ति क्या होती है। सामूहिक शक्ति की ताकत से गांधी ने देश को आजाद कराया। हमें न्यू इंडिया बनाना है। न्यू इंडिया का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। न्यू इंडिया जो समृद्ध हो, शक्तिशाली हो।

‘1 जनवरी, 2018 नहीं होगी सामान्य’
वर्ष 2018 की एक जनवरी सामान्य नहीं होगी। जिन लोगों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है, उनके लिए यह अहम वर्ष है। यह वर्ष उनके जीवन का निर्णायक वर्ष है। वे 21वीं सदी के भाग्यविधाता होंगे। इन सभी नौजवानों का मैं हृदय से बहुत-बहुत स्वागत करता हूं। आपको देश के भाग्य निर्माण का आवसर मिल रहा है। देश आपको निमंत्रण देता है।

लद गया ‘चलता है’ का जमाना
देशवासियों को निराशा को छोड़ना होगा। उन्होंने कहा, ‘जैसा मन का भाव होता है, वैसा ही कार्य का परिणाम होता है। हम निराशा में पले बढ़े हैं। हमें निराशा को छोड़ना होगा। लेकिन अब ‘चलता है’ का जमाना चला गया। अब ‘बदला है, बदल रहा है, बदल सकता है’ का वक्त आ गया है।

इशारों-इशारों में चीन-पाक को संदेश
हमारी सेनाओं ने जब-जब मौका आया है, अपना सामर्थ्य दिखाया है। हमारे देश के वीरों ने बलिदान का पराकाष्ठा की है। जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो दुनिया को हमारा लोहा मानना पड़ा।

देश की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, आंतरिक सुरक्षा हमारी प्रथामिकता है। वन रैंक वन पेंशन अटका हुआ था, सरकार उसे पूरा करती है तो देश के लिए मर मिटने की उनकी ताकत बढ़ जाती है।

‘जीएसटी पर दुनिया हैरान’
जिस प्रकार जीएसटी सफल हुआ है, उससे दुनिया के लोग हैरान है कि इतने बड़े देश में जीएसटी कैसे लागू हो गया। जीएसटी से देश को नई ताकत मिली है। दोगुनी रफ्तार से रेल की पटरियां बिछाने का काम हो रहा है, 14,000 से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंची है। देश उजाले की तरफ बढ़ रहा है।

29 करोड़ गरीबों को बैंक अकाउंट खुले हैं, 9 करोड़ से ज्यादा सॉइल हेल्थ कार्ड बने हैं, गरीब महिलाओं को गैस चूल्हा मिला है। युवाओं को बिना गारंटी स्वरोजगार के लिए लोन मिल रहा है, मंहगाई पर हमने नियंत्रण किया है, घर बनाने के लिए कम ब्याज पर पैसे दिए जा रहे हैं। आज सरकार जो कहती है, वह करने के लिए संकल्पबद्ध है।

‘दुनिया में भारत का डंका’
आज भारत की साख दुनिया में बढ़ रही है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आज हम अकेले नहीं है। दुनिया के कई देश हमें सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं। हवाला कारोबार की जानकारी मिल रही है। सहयोग के लिए हम सभी देशों को धन्यवाद देते हैं।

‘न गाली से…न गोली से…गले से बनेगी बात’
जम्मू-कश्मीर का विकास और उन्नति, हम देशवासियों का संकल्प है। फिर से एक बार स्वर्ग को हम उसी रूप में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कश्मीर को लेकर जो कुछ भी होता है…कश्मीर में जो कुछ भी घटनाएं घटती हैं…मुट्ठीभर अलगाववादी पैंतरे चलते हैं।

मेरे दिमाग में एक बात बिल्कुल साफ है कि ‘न गाली से, न गोली से, हर कश्मीर को गले लगाने से समस्या सुलझने वाली है। न गाली से, न गोली से…परिवर्तन होगा गले लगाने से। आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। मुझे खुशी है कि सुरक्षा बलों के प्रयासों से बड़ी मात्रा में नौजवान मुख्यधारा में लौटे हैं।