मंडी श्रमिक करा सकेंगे अब अधिकृत निजी अस्पतालों में इलाज

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जयपुर। कृषि मंत्री  प्रभुलाल सैनी ने बताया कि मंडियों में पंजीकृत अनुज्ञापत्रधारी हमाल, पल्लेदार, तुलाईकादारों का अब गंभीर बीमारी होने पर सरकारी कर्मचारियों की भांति कर्मचारियों के लिए अधिकृत निजी अस्पतालों में इलाज करवाए जाने पर चिकित्सा पुनर्भरण हो सकेगा। 

सैनी ने बताया कि मंडी में काम करने वाले अनुज्ञापत्रधारी हमाल, पल्लेदार व तुलाईकारों को महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना 2015 के अन्तर्गत गंभीर बीमारी होने पर 20 हजार रुपये की सीमा तक राशि का पुनर्भरण का प्रावधान है।

उन्होंने बताया कि पहले यह पुनर्भरण केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाए जाने पर ही होता था, लेकिन अब सरकारी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी कर्मचारी की तरह उनके लिए अधिकृत निजी अस्पतालों में इलाज करवाए जाने पर भी पुनर्भरण हो सकेगा। 

कैंसर पीड़ित की सहायता के लिए बदले प्रावधान
कृषि मंत्री  सैनी ने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति सुमेरपुर में काम करने वाले हमाल सवाराम के कैंसर हो गया था। सवाराम ने राजस्थान मेडिकल सोसायटी एण्ड रिसर्च सेन्टर, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल, सुमेरपुर मे इलाज करवा लिया।

महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना 2015 के अन्तर्गत केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने पर ही इलाज में लगी राशि का पुनर्भरण का प्रावधान था और यह अस्पताल निजी था, इसलिए पीड़ित के चिकित्सा व्यय का पुनर्भरण नहीं हो पा रहा था। 

उन्होंने बताया कि इस पीड़ित को राहत देने के लिए इस योजना के प्रावधानों में बदलाव किया गया और नीतिगत निर्णय लेते हुए इस पीड़ित की राशि का पुनर्भरण करने का निर्णय लिया गया।

इसके साथ यह भी निर्णय लिया गया कि अब कोई भी अनुज्ञप्तापत्रधारी श्रमिक सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकृत अस्पतालों में अगर इलाज कराता है, तो उसका भी पुनर्भरण कृषि विपणन विभाग द्वारा किया जाएगा। 

दुर्घटना में फ्रेक्चर होने पर अब 10 हजार रुपये की सहायता
कृषि मंत्री  प्रभुलाल सैनी ने बताया कि मंडी प्रांगण में कार्य करते समय अनुज्ञापत्रधारी पल्लेदार के फ्रेक्चर होने पर 10 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पहले यह राशि 5 हजार रुपये थी।