इंटरकनेक्ट फीस कम हुई तो फ़ोन कॉल्स होंगी सस्ती

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नई दिल्ली। मोबाइल कॉल और डेटा सस्ता होने की दौड़ शुरू हुए करीब एक साल का वक्त गुजर चुका है। इसके और कम होने की संभावना जताई जा रही है। टेलिकॉम रेग्युलेरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) मोबाइल ऑपरेटर्स की उस फीस में कटौती कर सकता है जो वह कनेक्टिंग कॉल्स के लिए एक दूसरे को भुगतान करते हैं।

एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘फिलहाल इंटरकनेक्ट यूसेज चार्जेस (आईयूसी) की दर 14 पैसे प्रति मिनट है लेकिन यह आसानी से 10 पैसे प्रति मिनट से कम हो सकता है।’

पिछले साल सितंबर में जब मुकेश अंबानी ने अपने रिलायंस जियो के जरिये लाइफटाइम मुफ्त कॉल का प्लान लॉन्च किया, तब से लगातार आईयूसी एक मुद्दा बना हुआ था। जियो, जो उपभोक्ताओं को फ्री कॉल की सुविधा देता है पर आईयूसी का भार बढ़ता जा रहा था।

कंपनी आईयूसी की दरों में कमी चाहती थी। जियो की नजर में आईयूसी वर्तमान ऑपरेटरों द्वारा बनाई गई कृत्रिम बाधा है। दूसरी ओर एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी कंपनियां इससे हजारों करोड़ रुपये कमाती हैं। ये पुरानी कंपनियां इस दर में और इजाफा चाहती हैं।

उदाहरण के लिए देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल की पिछले साल की आईयूसी डीलिंग करीब 10279 करोड़ रुपये थी। कंपनी इस कॉस्ट को 30 पैसे प्रति मिनट के ‘वास्तविक मूल्य’ तक ले जाना चाहती है।

ट्राई के अध्यक्ष आर एस शर्मा को एक लिखे एक हालिया खत में भारती इंटरप्राइसेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने लिखा, ‘आईयूसी की मौजूदा दर पहले ही लागत से कम है।’ उन्होंने ट्राई को इसकी दर एक ‘निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र द्वारा तय’ करने की बात कही।

जियो हालांकि एक ‘बिल ऐंड कीप’ (BAK) तरीका अपनाने की पक्षधर है। इसमें कंपनियां एक-दूसरे के बजाय ग्राहकों से वसूली कर सकती है। जियो वाइस कॉल के लिए 4जी आधारित (VoLTE) तकनीक का इस्तेमाल करती है।

कंपनी का कहना है कि आईयूसी की कोई प्रासंगिकता नहीं है चूंकि सारी इंडस्ट्री आईपी-आधारित (इंटरनेट प्रोटोकॉल) मॉडल्स की ओर बढ़ रही है। एयरटेल का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत होने तक पूरे देश में VoLTE सर्विस मुहैया करा देगी वहीं आइडिया भी इसकी तैयारी कर रही है।

ट्राइ ने आईयूसी की समीक्षा के लिए पिछले साल 5 अगस्त को एक परामर्श जारी किया था जिसके सिफारिशें एक महीने में आ सकती हैं। आईयूसी को लेकर ट्राई की योजनाओं पर एक सूत्र ने कहा कि आईयूसी की दरों में कटौती किए जाने की संभावनाएं काफी अधिक हैं।

इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इंटरनेट के जरिए कॉल करने पर महज 3 पैसे प्रति मिनट का ही खर्च आता है। सूत्र ने कहा, ‘रेट जरूर कम होंगे। आज के दौर में जब डेटा रेट काफी कम हुए हैं और नेटवर्क VoLTE अथवा 4G की ओर बढ़ रहे हैं ऐसे में 14 पैसे प्रति मिनट काफी ज्यादा रेट है।’