4 दिन में निवेशकों ने गंवाए 6.4 लाख करोड़

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मुंबई। अमेरिका और उत्तर कोरिया में संभावित युद्ध का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी नजर आ रहा है। इसका खमियाजा भारतीय शेयरधारकों को भी उठाना पड़ रहा है। पिछले चार दिनों के ट्रेडिंग सेशन में भारतीय निवेशकों को करीब 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 6.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप अब 133.1 लाख करोड़ रुपये है। 7 अगस्त को यह अपने सर्वोच्च स्तर, 139.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। बाजार का मार्केट कैप 6 जुलाई को 133 लाख करोड़ रुपये था। इसके बाद 23 ट्रेडिंग सेशन के बाद बाजार 7 अगस्त को 139.5 लाख करोड़ के अपने सर्वोच्च स्तर तक पहुंचा।

रॉयटर्स रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के निवेशकों को करीब एक ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 640 खरब 85 अरब रुपये का नुकसान हो चुका है। शुक्रवार को सेंसेक्स में 318 अंकों की गिरावट के साथ 31214 अंको के करीब बंद हुआ। यह पिछले महीनों का इसका निम्नतर स्तर है।

निफ्टी में 1.1 फीसदी यानी करीब 109 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। यह 9711 अंकों पर बंद हुआ। इस सप्ताह में सेंसेक्स में कुल 1100 अकों की गिरावट दर्ज हुई है।

डीलर्स का कहना है कि भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद, सेबी द्वारा मंगलवार से 331 शैल कंपनियों को ट्रेडिंग से रोकना और कॉर्पोरेट सेक्टर में कमजोरी के चलते भी इस सप्ताह बाजार को नुकसान हुआ है। भारत ही नहीं दुनियाभर के शेयर बाजारों में यही चलन देखा जा रहा है।

गुरुवार रात को अमेरिका के डाउ जॉन्स इंडेक्स में करीब 1 फीसदी और एसऐंडपी 500 इंडेक्स में करीब 1.45 फीसदी की गिरावट हुई। वहीं यूके के एफटीएसई में भी 1.5 प्रतिशत की गिरावट हुई।शुक्रवार की शुरुआती खरीदारी में अमेरिकी शेयर बाजार स्थिर थे वहीं यूके में अच्छे संकेत नहीं थे।

दुनियाभर के बाजार विशेषज्ञों को अभी तक इस बात का अंदाजा नहीं है कि अगर अमेरिका और उत्तर कोरिया में युद्ध के हालात पैदा होते हैं तो बाजार की क्या स्थिति होगी। वहीं बाजार में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस करेक्शन को अच्छा मान रहे हैं। उनका मानना है कि यह अभी रुका नहीं है।

निवेश फर्म क्रिस (KRIS) के निदेशक अरुण केजरीवाल का कहना है, ‘चूंकि इसने रिचली वैल्यूड स्टॉक्स और फेयरली वैल्यूड स्टॉक्स के बीच के अंतर को कुछ कम कर दिया है। लेकिन यह अभी काफी नहीं है। हालांकि इस हफ्ते के दूसरे हिस्से में कुछ समय के लिए कीमतों में फिर इजाफा हो सकता है।