जीएसटी से इंडियन कोकोनट का निर्यात प्रभावित

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नई दिल्ली । सूखे हुए नारियल पर 12 फीसद के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इसके उत्पादन और निर्यात को प्रभावित किया है। ट्रेडर्स और एक्पोर्टर का कहना है इससे इंडस्ट्री में हजारों नौकरियों को संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

उनका कहना है कि जीएसटी की ऊंची दर एक ऐसे समय में उद्योग के लिए एक झटका थी जब घरेलू मांग और सूखे हुए नारियल के निर्यात में इजाफा हो रहा है। अभी तक देश के दक्षिणी राज्यों में, जहां ये प्रमुखता से उगाया जाता है, सूखे हुए नारियल पर 0 से 5 फीसद के बीच टैक्स लगता था।

महावीर नारियल इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अनिल पोरवाल ने कहा, “कर्नाटक में टिपटुर में करीब 80 सूखे हुए नारियल की इकाइयां हैं (देश में उत्पाद के लिए सबसे बड़ा क्लस्टर),जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन सभी ने अपने उत्पादन को 30 फीसद तक घटा दिया है।”

पिछले कुछ वर्षों से सूखे हुए नारियल की मांग लगातार बढ़ रही है और यह 2016-17 में छह गुना बढ़कर 20,000 टन पर पहुंच गया। वहीं इसका मूल्य आठ गुना बढ़कर करीब 225 करोड़ रुपये हो गया है।

कासरगोड में विट्टल एग्रो इंडस्ट्रीज (भारत में सबसे बड़ा सूखा नारियल निर्यातक) के पार्टनर गणेश विट्ठल ने कहा, “हम फिलीपींस इंडोनेशिया, वियतनाम और श्रीलंका जैसे अन्य प्रमुख विक्रेताओं के साथ कीमत प्रतिस्पर्धी बन गए हैं, नतीजतन, निर्यात की मात्रा में भारी वृद्धि हुई है।”