राजधानी, शताब्दी, दूरंतो का सफर मंगलवार से होगा सस्ता

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    धनबाद। राजधानी, दूरंतो और शताब्दी का सफर एक अगस्त से सस्ता हो जाएगा। यदि आप ट्रेन का खाना और नाश्ता नहीं लेंगे तो राजधानी, दूरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस का किराया 90 रुपए से 260 तक किफायती हो जाएगा। रेलवे ने एक अगस्त से ट्रेनों में कैटरिंग शुल्क की बाध्यता समाप्त कर दी है।

    रेलवे की खानपान व्यवस्था पर कैग रिपोर्ट में उठे सवालों के बाद रेलवे ने नई व्यवस्था लागू की है। अब यदि आप ट्रेन में खाना, पानी और नाश्ता नहीं लेना चाहते हैं तो रेलवे आपको बाध्य नहीं करेगा। अभी राजधानी, दूरंतो और शताब्दी में नहीं चाहते हुए यात्रियों से कैटरिंग शुल्क के रूप में चार्ज लिया जाता है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड का आदेश धनबाद पहुंच गया है। तीनों प्रीमियम ट्रेनों की खानपान की व्यवस्था आइआरसीटीसी को सौंप दी गई है।

    टिकट लेते समय पूछा जाएगा विकल्प
    राजधानी, दूरंतो और शताब्दी में बुकिंग काउंटर से रिजर्वेशन लेते समय ही यात्रियों से पूछा जाएगा कि उन्हें ट्रेन पर कैटरिंग की सुविधा लेनी है अथवा नहीं। अभी रिजर्वेशन कार्यालय से टिकट बुक करने पर ही यह सुविधा मिल रही है।

    आइआरसीटीसी की साइट से ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर अभी भी कैटरिंग का शुल्क देना अनिवार्य है। माना जा रहा है कि एक-दो दिनों में ऑन लाइन टिकट बुकिंग में भी कैटरिंग की अनिवार्यता को समाप्त कर विकल्प दिए जाएंगे।

    किस ट्रेन में कितना है कैटरिंग चार्ज
    हावड़ा और सियालदह राजधानी में धनबाद से नई दिल्ली की टिकट बुकिंग पर 220 रुपए कैटरिंग चार्ज के रूप में लिया जाता है। इसके बदले में यात्रियों को रात का खाना और सुबह का नाश्ता दिया जाता है। हालांकि फर्स्ट क्लास में यह शुल्क 260 रुपए है।

    इसी तरह सियालदह-दूरंतो में धनबाद से नई दिल्ली जाने वाले यात्रियों से सुबह के नाश्ते के लिए 90 रुपए लिए जाते हैं, जबकि हावड़ा दूरंतो में धनबाद से नई दिल्ली की टिकट पर स्लीपर में 110 व थर्ड व सेकेंड एसी में 185 रुपए वसूला जाता है। शताब्दी एक्सप्रेस से धनबाद से रांची जाने वालों को 145 रुपए और धनबाद से हावड़ा जाने वालों को 175 रुपए कैटरिंग चार्ज चुकाना पड़ता है।

     सीनियर डीसीएम धनबाद आशीष कुमार झा ने बताया कि कैटरिंग चार्ज को वैकल्पिक बनाने संबंधी आदेश धनबाद रेल मंडल को मिल गए हैं। रिजर्वेशन ऑफिस के सिस्टम को अपडेट कर दिया गया है। ट्रेनों में खानपान की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी लगातार प्रयास चल रहे हैं।