GST : 40 तरह के उत्पादों पर एचएसएन कोड को लेकर असमंजस

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जयपुर। पहले टैक्स नहीं था, अब है लेकिन पता नहीं कितना लगेगा। इस वजह से एक महीने से हमारा व्यापार ठप है। तो सरकार और ना ही सीए बता रहे हैं कि हमारे प्रोडक्ट का एचएसएन कोड क्या है। यह कहना है कई छोटे व्यापारियों का।
जिन उत्पादों की टैक्स रेट एचएसएन कोड को लेकर असमंजस बना हुआ है। इनमें लाख की चूड़ियां, बांस की टोकरियां, मावा, एंब्रायडरी, मूंगा जैसे करीब 40 उत्पाद है।

इनवायस जनरेट में करने में परेशानी
कई प्रोडक्ट का एचएसएन कोड नहीं होने तथा टैक्स रेट समेत दूसरी समस्याओं की वजह से इनवायस जनरेट में करने में परेशानी हो रही है। जीएसटी व्यवस्था में छोटे व्यापारियों के लिए कारोबार करना मुश्किल हो गया है। राज्य के साथ केंद्र सरकार के सामने भी इन समस्याओं को उठाया गया है, लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है।
-बाबूलालगुप्ता, अध्यक्ष, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ 

एचएसएन कोड अलग-अलग
कई प्रोडक्ट्स के कई एचएसएन कोड अलग-अलग टैक्स रेट है। इससे इनवायस बनाना मुश्किल हो रहा है। व्यापारी तय नहीं कर पा रहे हैं कि कितना टैक्स लें। टैक्स कम लिया और सरकार ने रिकवरी निकाल दी तो भरपाई कैसे करेंगे। इस वजह से एंब्रायडरी, बांस की टोकरियां बेचने वालों समेत कई व्यापारियों ने अभी तक इनवायस जनरेट करना शुरू नहीं किया है।
-पंकज घीया, कर सलाहकार

वित्त सचिव (राजस्व) प्रवीण गुप्ता और वाणिज्यिक कर आयुक्त आलोक गुप्ता से वार्ता

  • क्या सौ फीसदी व्यापारियों का जीएसटी में माइग्रेशन हो गया है?
  • प्रदेश में अभी तक 89% व्यापारियों का जीएसटी में माइग्रेशन हुआ है। शेष वो लोग हैं, जो जीएसटी के दायरे से बाहर है। इनका टर्नओवर 20 लाख से कम है।
  • कंपोजीशन स्कीम में व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। विभाग क्या कर रहा है?
  • यह समस्या थी, लेकिन अब कंपोजीशन स्कीम में रजिस्ट्रेशन की तिथि 21 जुलाई से बढ़ाकर 16 अगस्त तक कर दी गई है। इससे व्यापारी रजिस्ट्रेशन करा लेंगे।
  • जीएसटी नेटवर्क पर इनवॉयस अपलोड प्रक्रिया में परेशानी है। विभाग की क्या तैयारी है?
  • बड़ी संख्या में इनवॉयस जनरेट करने वाले बी 2 बी व्यवसायियों के लिए जीएसटीएन पर इनवॉयस अपलोड करने की प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू कर दी गई है। कंपनियों को सितंबर में इनवॉयस आधारित रिटर्न दाखिल करनी है।
  • लेकिन आखिरी समय में नेटवर्क पर भारी दबाव से होने वाली परेशानी से बचने के लिए व्यापारी अभी से इनवॉयस अपलोड करना शुरू कर दें। इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में भी आसानी होगी। किसी भी समस्या के समाधान के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की हेल्प डेस्क नंबर 18001806102 पर संपर्क कर सकते हैं।
  • इसके अलावा कारोबारी केंद्रीकृत कॉल सेंटर नंबर 18001806127 तथा ईमेल gstquery@rajasthan.gov.in के जरिए भी अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।