कोविंद बने देश के नए राष्ट्रपति, प्रणव दा विदा

राष्ट्र निर्माण में आम लोगों के सहयोग की भी जरूरत -राष्ट्रपति

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कोविंद ने कहा कि खेतों में काम करने वाली महिलाएं, किसान, वैज्ञानिक, स्टार्टअप कारोबारी से लेकर सुरक्षाबलों तक राष्ट्र निर्माता हैं।

नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण किया। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कोविंद को शपथ दिलाई। शपथ के बाद प्रणव और कोविंद ने कुर्सियां बदलीं। इसके बाद, 21 तोपों की सलामी दी गई।

शपथ ग्रहण में पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं। शपथ ग्रहण के वक्त मंच पर कोविंद और प्रणव के अलावा खेहर, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मौजूद रहे।

पीएम मोदी मंच के सामने सांसदों और अन्य मेहमानों के साथ सामने की कतार में बैठे थे। मोदी के साथ पूर्व पीएम देवगौड़ा, मनमोहन सिंह के अलावा सोनिया गांधी, नितिन गडकरी बैठे थे।

शपथ ग्रहण के बाद सेंट्रल हॉल में नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भाषण हुआ। कोविंद ने अपनी स्पीच हिंदी में दी। कोविंद ने राष्ट्रपति पद का दायित्व सौंपे जाने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हॉल में आने के बाद उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं।

कोविंद ने अपनी शुरुआती जिंदगी और चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह मिट्टी के घरों में पले हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में आम लोगों के सहयोग की भी जरूरत है। कोविंद ने कहा कि खेतों में काम करने वाली महिलाएं, किसान, वैज्ञानिक, स्टार्टअप कारोबारी से लेकर सुरक्षाबलों तक राष्ट्र निर्माता हैं।

बता दें कि प्रणव मुखर्जी कोविंद को काली लिमो कार में लेकर संसद भवन पहुंचे थे। कोविंद के सेंट्रल हॉल की ओर जाते हुए चीफ जस्टिस खेहर, स्पीकर सुमित्रा महाजन और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी साथ थे। शपथग्रहण के बाद सुरक्षाबलों के काफिले के साथ प्रणव और कोविंद उसी कार से राष्ट्रपति भवन वापस लौटे।

यहां कोविंद को सलामी दी गई। इसके साथ ही रामनाथ कोविंद को कार्यभार सौंपने के बाद प्रणव मुखर्जी 340 कमरों वाले राष्ट्रपति भवन से हटकर 10 राजाजी मार्ग स्थित एक बंगले में रहने के लिए चले गए।

महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी
शपथ ग्रहण से पहले कोविंद ने मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन के स्टडी रूम में जाकर मुलाकात की। मुखर्जी ने गुलदस्ता देकर कोविंद की अगवानी की। राष्ट्रपति भवन पहुंचने से पहले कोविंद राजघाट गए। वहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

काले रंग का सफारी सूट पहने कोविंद के साथ उनकी पत्नी भी थीं। कोविंद को गांधीजी का एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। वहीं, राष्ट्रपति पद के शपथ के लिए खास तैयारियां की गई थीं।

कोविंद के परिवार के सदस्य भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संसद भवन पहुंचे थे। वहीं, राष्ट्रपति की शपथ के मद्देनजर लोकसभा और सुप्रीम कोर्ट का कामकाज दोपहर बाद तक के लिए टाल दिया गया था।

पहली बार सुप्रीम कोर्ट के सभी जस्टिस शामिल
राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में संभवत: पहली बार सुप्रीम कोर्ट के सभी जस्टिस शामिल हुए। अब तक चार राष्ट्रपतियों- के.आर. नारायणन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी को नामांकन दाखिल करने में सहयोग दे चुके वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एच. पारेख ने कहा, ‘मैं बहुत दावे के साथ तो नहीं कह सकता, पर जहां तक मुझे याद है, इससे पहले ऐसा नहीं हुआ है।’