आयकर रिटर्न में गलती का भुगतना पड़ेगा खामियाजा

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नोटिस का जवाब न देने पर आयकर विभाग करदाता पर हर नोटिस के लिए 10,000 रुपए की पेनल्टी लगा सकता है।

नई दिल्ली। आयकर विभाग की तमाम धाराएं करदाता पर पेनल्टी लगाने के प्रावधान से जुड़ी हैं।

अगर आप आयकर विभाग से जुड़े किसी भी कानून का उल्लंघन करते हैं तो इन्हीं धाराओं के अंतर्गत विभाग आप पर पेनल्टी लगाता है।

अधिकांशत: करदाताओं को इसकी जानकारी कम होती है, इसीलिए वो मुश्किल में फंस जाते हैं।

टैक्स एक्सपर्ट अनिल काला ने बताया कि कई बार करदाता जानकारी के अभाव में तमाम ऐसी छोटी-छोटी गलतियां करते हैं, जिनकी वजह से उनकों दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आयकर विभाग इसको कानून का उल्लंघन मान करदाता पर प्रावधान के अनुसार पेनल्टी लगा देते हैं। इनसे बचने के लिए करदाता को इन गलतियों के बचने की जरूरत है।

पेनल्टी से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल:
1- नोटिस का जबाव न देने पर: इंकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई भी नोटिस आने पर इसका जवाब जरूर दें। भ्रम की स्थिती में विभाग की ओर से करदाता को कई बार वर्तमान या पिछले आयकर रिटर्न से जुड़ी जानकारी मांगने के लिए सेक्शन 142(1), 143(2), 142(2A) के अंतर्गत नोटिस भेजे जाते हैं।

करदाता की ओर से इन नोटिस का जवाब न देने पर विभाग करदाता पर हर नोटिस के लिए 10,000 रुपए की पेनल्टी लगा सकता है। यह पेनल्टी सेक्शन 271(1)(b) के अंतर्गत विभाग की ओर से लगाई जाती है।

2- आय छुपाने पर: मकान से मिलने वाला किराया, बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज, सलाहकार के रूप में जुड़कर किसी संस्थान से कमाई गई आय समेत तमाम ऐसी इनकम होती हैं जिनको करदाता रिटर्न फाइल करते समय दिखाना भूल जाता है।

कानून की दृष्टि से आय छुपाने के जुर्म में विभाग सेक्शन 271(1)(C) के अंतर्गत करदाता पर 300 फीसदी तक की पेनल्टी लगा सकता है। इस स्थिति में कम से कम लगने वाली पेनल्टी भी 100% की होती है।

3- इंकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने पर: टैक्सेबल इंकम होने की स्थिति में अगर करदाता रिटर्न फाइल नहीं करता है तो सेक्शन 271F के अंतर्गत विभाग 10,000 रुपए तक की पेनल्टी लगा सकता है। वित्त वर्ष 2015-16 के रिटर्न करदाता 31 मार्च 2017 तक फाइल कर सकता है।