आपके लिए कौन सा ITR फॉर्म भरना है जरूरी, जानिए

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नई दिल्ली । इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में अब कुछ ही दिन का समय बचा है। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2017 निर्धारित है। आमतौर पर लोग सिर्फ यही मानते हैं कि आईटीआर फाइलिंग के लिए नियोक्ता की ओर से दिया गया फॉर्म-16 ही अहम होता है। लेकिन आपको जानना चाहिए कि वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए फॉर्म-16 की ही तरह फॉर्म 26AS भी उतनी ही अहमियत रखता है।

कौन सा फॉर्म भरना है जरूरी:

  • ITR1 (सहज): अगर किसी इंडिविजुअल को सैलरी, पेंशन, प्रॉपर्टी के किराए या ब्याज से आमदनी होती है तो यह फॉर्म भरें। कोई भी व्यक्ति जिसे बिना बिक्री के कर मुक्त आय (कृषि के अलावा 5 हजार से ऊपर की आय) हो रही है, तो वो
  • आईटीआर-1 फॉर्म भर सकता है। यह सिर्फ पचास लाख तक की आमदनी पर ही भरा जा सकता है।
  • ITR2: ऐसे इंडिविजुअल और HUF जिन्हें सैलरी, पेंशन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए, कैपिटल गेन, अन्य स्रोत से आय में लॉटरी और रेसिंग से भी आमदनी होती है। उनके लिए यह फॉर्म भरना जरूरी होता है।
  • ITR3: फर्म के ऐसे साझेदार जिन्हें ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए इनकम होती है उनके लिए यह फॉर्म भरना जरूरी होता है।
  • ITR4: जिन लोगों को बिजनस, प्रोफेशन (डॉक्टर, वकील आदि) के जरिए आमदनी हो रही हो, उनके लिए यह फॉर्म होता है। यह उनके लिए है जिनकों अपने खाते चार्टेड अकाउंटेंट से ऑडिट कराने होते हैं।
  • ITR4s (सुगम): बिजनेस में जिनका टर्नओवर 2 करोड़ से कम हो, बिजनेस प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन रुल के दायरे में जो भी आता हो उसके लिए यह फॉर्म होता है। यह छूट 44 AD के तहत मिलती है।
  • ITR5: यह फॉर्म सिर्फ पार्टनरशिप फर्म या फिर ट्रस्ट या सोसाइटी के लिए होता है।

किन सूरतों में दाखिल करना होता है इनकम टैक्स रिटर्न
अगर आपकी कुल आय 2.50 से कम है और आप कर अदायगी के दायरे में नहीं आते हैं तब भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए। वहीं अगर आपकी सैलरी में से टीडीएस काटा भी जा चुका हो तो भी आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना जरूरी है।

अगर आप किसी विदेशी संपत्ति का मालिकान हक रखते हैं और भारत के बाहर आपका कोई खाता है तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा भले ही आपकी आय टैक्स कटौती के दायरे में न आती हो।

क्या होता है फॉर्म 26AS:
फॉर्म 26AS एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें आपके वेतन से स्रोत पर हुई कर कटौती (TDS) की पूरी जानकारी होती है। यह एक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है जो बताता है कि आयकर विभाग को आपकी तरफ से कितने टैक्स का भुगतान किया गया है। आप इस फॉर्म को आयकर विभाग की वेबसाइट (incometaxindiaefiling.gov.in) पर अपने एकाउंट में लॉग-इन करके डाउनलोड कर सकते हैं।