भारतीय डिजाइन के साथ हेल्मेट के लिए ISI मानक जरूरी

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नई दिल्ली। सरकार हेल्मेट के डिजाइन के साथ इनके निर्माण के मानक बदलने पर विचार कर रही है। भारतीय मानक ब्यूरो से नए मानक तैयार करने को कहा गया है।इसी के साथ गैस स्टोव की तरह गैर आइएसआइ हेल्मेट की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकती है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने हेल्मेट के डिजाइन व मानकों में परिवर्तन की सिफारिश की है।समिति के अनुसार पश्चिमी डिजाइन और मानकों के आधार पर बने होने के कारण मौजूदा हेल्मेट भारत की सामाजिक व मौसमी स्थितियों से मेल नहीं खाते।

ज्यादातर दोपहिया चालकों द्वारा हेल्मेट न पहनने की यह बड़ी वजह है।यदि हेल्मेट पहनना अनिवार्य करना है और लोगों में इसकी आदत विकसित करनी है तो इनके डिजाइन में बदलाव करना होगा। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में हेल्मेट व वाहन निर्माताओं की संस्था सियाम के अलावा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के विशेषज्ञ शामिल थे।इन सिफारिशों के आधार पर निर्माताओं से नए डिजाइन तथा बीआइएस से नए मानक तैयार करने को कहा गया है। नए डिजाइन में हेल्मेट को हल्का तथा ज्यादा से ज्यादा खुला रखने पर जोर दिया गया है।

मुख्य रूप से सिर का अगला और गर्दन का ऊपरी हिस्सा कवर होगा।भारत में करीब 29 फीसद सड़क दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों के साथ होती हैं। इनमें 31.5 फीसद मामलों में चालक व पीछे बैठी सवारी की मौत मुख्यतः हेल्मेट न पहने होने के कारण होती है। वर्ष 2015 में दोपहियों से जुड़ी 1,44,391 दुर्घटनाओं में 36,802 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1,35,343 लोग किसी न किसी स्तर पर घायल हुए। तेज रफ्तार वाहनों व बेहतर सड़कों के निर्माण के साथ दोपहिया वाहन चालकों के लिए सड़क पर खतरा बढ़ गया है।यही वजह है कि दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। सबसे बड़ी चिंता लोगों के हेल्मेट न पहनने की प्रवृत्ति को लेकर है। जबकि विभिन्न समितियां समय-समय पर हेल्मेट को अनिवार्य करने की सिफारिश कर चुकी हैं।

कई राज्यों ने हेल्मेट को अनिवार्य कर भी दिया है।लेकिन हेल्मेट के प्रति लोगों की अरुचि के कारण इसे लागू करना टेढ़ी खीर बना हुआ है। भारतीयों को हेल्मेट से इतनी चिढ़ क्यों है? दरअसल, भारत में जहां साल के आठ महीने गर्मी रहती है, हेल्मेट जैसा बंद कवच पहनना लोगों के लिए सजा से कम नहीं है।ज्यादातर हेल्मेट वजन में भारी, आकार में बड़े, आकृति में बेढब और गैस चैंबर की तरह बंद होते हैं। इससे पहनने वालों को उलझन महसूस होती है। गर्मियों में पसीने तथा फोम की सिंथेटिक रगड़ के कारण दोपहिया चालकों को अक्सर सिर में फुंसियां आने व बाल झड़ने जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। –