GST जीएसटी लगने से रेडलाइट एरिया के सेक्स वर्कर नाराज

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कोलकता। जुलाई से लागू हुए गुड्स एंड सर्विस टैक्स की मार देश के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया के नाम से मशहूर कोलकाता के सोनागाछी सहित देश के अन्य शहरों में मौजूद रेड लाइट एरिया पर इसका असर दिखने लगा है। हालांकि जीएसटी काउंसिल ने कंडोम पर जीरो टैक्स लगाया है, लेकिन तब भी यहां पर रह रही महिला यौनकर्मियों पर महंगाई की मार पड़ी है। 

महंगाई की मार इसलिए पड़ी है क्योंकि सरकार ने सैनेटरी पैड पर 18 प्रतिशत टैक्स रखा गया है। ऐसे में जिन-जिन रेडलाइट एरिया में महिलाओं को सस्ते रेट पर सैनेटरी पैड उपलब्ध कराएं जाते हैं वहां पर जीएसटी से इनको खरीदने पर महिलाओं को काफी पैसा खर्च करना पड़ रहा है। वहीं सेक्स वर्कर को सैनेटरी पैड की सप्लाई करने वाले एनजीओ ने भी इनको सस्ते रेट पर देने से मना कर दिया है।

सोनागाछी में 30 हजार से अधिक सेक्स वर्कर प्रभावित
देश के सबसे बड़े लालबत्ती इलाके सोनागाछी में चलने वाला उषा सहकारी बैंक सोसाइटी लिमिटेड एशिया का सबसे बड़ा सहकारी बैंक है। इस बैंक में 30,222 सदस्य हैं। सोनागाछी समेत अन्य लालबत्ती इलाके की महिलाएं भी इसकी सदस्य हैं। 

उषा सहकारी बैंक फाइनेंस मैनेजर शांतनु चटर्जी बताते हैं, “इस बैंक का अहम काम है सैनेटरी पैड का सोशल मार्केटिंग करना और कॉन्डोम पर छूट देना है। हम यौनकर्मियों को सैनेटरी पैड पर छूट देते हैं…अब इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लग गया है। पहले जो कंपनियां हमें विशेष छूट देती थीं उन्होंने अब इससे मना कर दिया है इसलिए यौनकर्मियों को दिए जाने वाले पैड की कीमत भी बढ़ जाएगी।” 

आठ रुपये हो गई है सैनेटरी पैड की कीमत 
18 फीसदी स्लैब होने के कारण पहले 3 रुपये में एनजीओ को मिलने वाला एक सैनेटरी पैड अब आठ रुपये का हो गया है। इससे उन सेक्स वर्कर्स पर असर पड़ा है जो इनका इस्तेमाल करती थी। सोनागाछी के अलावा दिल्ली, मुंबई में स्थित रेड लाइट एरिया पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। यहां भी काम करने वाली सेक्स वर्कर को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।