जीएसटी ने ठप कराया कोटा स्टोन कारोबार, थमे ट्रकों के पहिए

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कोटा। जीएसटी लागू होने के बाद कोटा स्टोन कारोबार पर पूरी तरह ब्रेक लग गया। कोटा-झालावाड़ जिले की करीब 1 हजार स्टोन इकाइयां बंद होने से 2 हजार श्रमिकों को शनिवार को रोजगार नहीं मिला। बाहर माल सप्लाई करने वाले 250 ट्रकों के चक्के थम गए।

रामगंजमंडी क्षेत्र से प्रतिदिन ढाई सौ ट्रकों में पत्थर लदान होता है। एक ट्रक पर पत्थर लदान के लिए चार-पांच श्रमिक होते हैं। करीब एक हजार से ज्यादा श्रमिकों को पॉलिश माल की गाडिय़ां नहीं भरने से रोजगार नहीं मिला। ऐसे में श्रमिक दिनभर सुस्ताते रहे। इसी तरह इकाइयां बंद होने से इकाइयों में कार्यरत 1 हजार श्रमिकों को भी काम नहीं मिला।

भ्रांतियां दूर करने की कोशिश
जीएसटी को लेकर शनिवार को कलक्ट्रेट स्थित टैगोर हॉल में वाणिज्यिक कर विभाग व केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, व्यापारी, उद्यमी, सीए उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री का भाषण ऑनलाइन सुना गया। वाणिज्यिक कर उपायुक्त प्रशासन नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि जीएसटी लागू होने से खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट आने के साथ राजस्व भी बढ़ेगा। 

माह में सिर्फ एक रिटर्न
केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर विभाग के उपायुक्त नरेश बुंदेल ने कहा कि देश में अलग-अलग प्रकार के 500 टैक्स लगते हैं। उन्हें सरकार ने एक देश, एक टैक्स में समेट दिया। व्यापारियों में भ्रांति है कि जीएसटी लागू होने के बाद माह में तीन व साल में 37 रिटर्न भरने होंगे, जबकि एेसा कुछ नहीं है। माह में सिर्फ एक ही रिर्टन भरना होगा। दो रिटर्न अपने आप ऑनलाइन जनरेट होंगे। इनमें थोड़ा बहुत संशोधन करना होगा, वहीं जिनका सालाना कारोबार 75 लाख तक है, वह कम्पोजिशन स्कीम के तहत लाभ ले सकते हैं।

हेल्प डेस्क शुरू
जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्यिक कर विभाग ने हेल्प डेस्क शुरू की है। यहां पर वाणिज्यिक कर अधिकारी व तकनीकी सहायक को नियुक्त किया गया। प्रभारी वाणिज्यिक कर अधिकारी अवधेश पाराशर ने बताया किसी व्यापारी, उद्यमी को जीएसटी से सम्बंधित कोई भी परेशानी हो, सवाल हो यहां आकर जानकारी ले सकते हैं