ई-स्क्रूटनी के लिए रास्ता साफ, करदाता को अधिकारियों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

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नई दिल्ली । केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ई-स्क्रूटनी के लिए रास्ता साफ कर दिया है। इसके लिए उसने संशोधित नोटिसों की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन्हीं फॉर्मेट में नोटिस जारी करें। इससे करदाताओं को कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। हालांकि जरूरत होने पर असेसिंग अधिकारी को करदाता को बुलाने का विवेकाधिकार होगा।

सामान्य तौर पर करदाता स्क्रूटनी के लिए सारी औपचारिकताएं विभाग की वेबसाइट पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कर सकेंगे। इससे करदाताओं और आयकर अधिकारियों के बीच मुलाकात की गुंजाइश कम हो जाएगी।विभाग ने आयकर अधिनियम के सेक्शन 143(2) के तहत आयकर रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए तीन प्रकार के नोटिसों का फॉर्मेट जारी किया है।

इसके साथ ही विभाग की नीति निर्धारक शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सभी स्क्रूटनी नोटिस इन फॉर्मेट में ही जारी किये जाएं। सीबीडीटी के शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष से एसेसमेंट कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से करने के लिए ई-प्रोसीडिंग फैसिलिटी का इस्तेमाल पूरे देश में बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए। सीबीडीटी ने इसके संबंध में पहले फैसला किया था।

सीबीडीटी ने तीन प्रकार के फॉर्मेट असेसमेंट के लिए जारी किये हैं। इनमें सीमित, संपूर्ण और अनिवार्य मैनुअल स्क्रूटनी के फॉर्मेट शामिल हैं। स्क्रूटनी प्रक्रिया में अगर किसी करदाता का टैक्स रिटर्न जांच के लिए चुना जाता है तो असेसिंग ऑफीसर को करदाता द्वारा कई दस्तावेज और सबूत प्रस्तुत किये जाते हैं।

आयकर विभाग ने पहले कहा था कि वह कुल आयकर रिटर्न में से एक फीसद से भी कम रिटर्न स्क्रूटनी के लिए चुनता है। स्क्रूटनी में लंबी प्रक्रिया के जरिये करदाता की आय और अदा किये गये टैक्स का आंकलन किया जाता है। हालांकि स्क्रूटनी को लेकर समय-समय पर करदाताओं की शिकायतें आती रही हैं।इन तीनों नोटिसों पर अब असेसिंग अधिकारी के नाम, पद, टेलीफोन व फैक्स नंबर के साथ ईमेल आइडी भी होगा।

करदाता स्क्रूटनी के लिए आवश्यक जानकारी व कागजात भेजने के लिए विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अपने एकाउंट या अपने व्यक्तिगत ईमेल आइडी का इस्तेमाल कर सकेंगे और अपने असेसिंग अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संपर्क कर सकेंगे। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग ईमानदार करदाताओं के लिए मददगार की भूमिका निभाना चाहता है।

विभाग चाहता है कि करदाताओं को कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें बल्कि वे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपनी सुविधानुसार अपने असेसिंग अधिकारी से संपर्क कर सकें। ई-स्क्रूटनी शुरू करने का मकसद उत्पीड़न और कर संबंधी मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतें दूर करना है।इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की स्क्रूटनी के लिहाज से नये नोटिस में पांच बिंदुओं पर करदाताओं से विवरण मांगा जाएगा।

विभाग ने ई-गवर्नेस के तहत यह पहल की है। विभाग के अनुसार यह प्रक्रिया बहुत आसान है। इससे करदाताओं के लिए अनुपालन का काम काफी कम हो जाएगा। वैसे तो करदाताओं को कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी लेकिन अगर असेसिंग ऑफीसर को किसी केस में विस्तृत जांच की जरूरत होगी तो अतिरिक्त दस्तावेज और रिकॉर्ड मांगने और करदाता को व्यक्तिगत रूप से बुलाने का विवेकाधिकार होगा।