कम्पोजिशन स्कीम में रिटर्न कैसे भरें, वीडिओ देखें

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-दिनेश माहेश्वरी
कोटा।  इस बार LEN-DEN NEWS छोटे व्यापारियों के लिए विशेष जानकारी लेकर आया है। जो व्यापारी जीएसटी में कम्पोजिशन स्कीम में आते हैं, उन्हें अपनी रिटर्न कैसे फाइल करनी है। आपको वीडिओ के माध्यम से बता रहे हैं सीनियर टैक्स कंसल्टेंट अनिल काला। जीएसटी में 25 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहे हैं। इनमे क्या फ़ॉर्मैलिटीज़ करनी है एवं किन बातों का ध्यान रखना है,  यह भी जानना जरूरी है। 

रजिस्ट्रेशन में इन बातों का रखें ध्यान

1. रजिस्ट्रेशन की चेक लिस्ट साथ दी गयी है।
2. रजिस्ट्रेशन से 30 दिनो के भीतर स्टाक (stock) की जानकारी देनी है ।
3. अतः आपके स्टाक की सारी विगत की तैयारी कर के रखे, जिस में Raw Materal, Finished, मिल स्टाक, जॉब वर्क स्टाक, आदि सब शामिल होना चाहिए ।
4. स्टाक की क्वांटिटी भी विगत में होनी चाहिए ।
5. इन स्टाक के ख़रीदी बिल्स भी तैयार रखे ताकि ज़रूरत आने पर दे सके ।
6. जो स्टाक आपके पास 30 जून 2016 (एक साल पहले) का है उसकी विगत अलग बनाए ।
7. GST में सबसे अहम रोल अकाउंटिंग सोफ्टवेर का है अतः उसका चुनाव काफ़ी सोच समझकर करे ।
8. दूसरा अहम रोल इस में अकाउंटंट का है इसलिए आप अभी से एक क़ाबिल अकाउंटंट की व्यवस्था कर लेवे।
9. GST का प्रारूप और पेपर फ़ॉर्मैलिटीज़ देखते हुए हमारी सलाह है कि आप एक फ़र्म में GST नम्बर लेकर उसे ही आगे चलाए ।
10. अन्य फ़र्म का स्टाक आप 30 जून से पहले उस फ़र्म को बेच देवे जिसमें GST नम्बर लेना है ।
11. 1 जुलाई के बाद आप बिना GST लगाए माल नहीं बेच पाएँगे इसलिए सारी तैयरियाँ जल्द से जल्द कर लेवे । GST के बिल का फ़ॉर्मैट भी साथ में दिया गया है उस हिसाब से अपने सोफ्टवेर में बदलाव करवा लेवे ।
12. GST नम्बर लेने के बाद आपके Suppliers (जिनसे आप माल, पैकिंग मटीरीयल आदि लेते हो या जिनसे आप किसी भी तरह का जॉब करवाते हो), मोबाइल एवं टेलिफ़ोन ऑपरेटर, क़ूरीयर, ट्रान्स्पोर्टर, सोफ्टवेर ऑपरेटर, इंटेरनेट ऑपरेटर आदि सब को आपका GST नम्बर इन्फ़ोर्म कर देवे ताकि उनके बिल के GST का आपको क्रेडिट मिल पाएगा ।
13. अपने अकाउंटिंग सोफ्टवेर में सभी पार्टियों के Master Data (जैसे नाम, पता, GST नम्बर, मोबाइल नम्बर, आदि) अप्डेट कर लेवे ।
14. अगर आपका Supplier, जॉब वर्कर, सर्विस प्रदाता GST में रेजिस्टर्ड नहीं है तो उनके बिल का GST आपको भरना होगा । अतः इन बातों का ध्यान रखे ।
15. आपके व्यापारियों को भी सूचित कर दीजिए कि आप GST नम्बर लेने वाले है और GST लगने के बाद रिटर्न आने वाले माल पर उन्हें (व्यापारी को) GST देना होगा ।