वाहन रजिस्ट्रेशन एवं ड्राइविंग लाइसेंस के डाटा हुए लीक

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    • परिवहन मंत्रालय ने कहा- सुरक्षा तंत्र विकसित करने पर ही कनेक्टिविटी
    • राजस्थान पुलिस द्वारा लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा का गलत इस्तेमाल
    • राजस्थान पुलिस की गलती, वेब सेवाओं पर लगी रोक

    जयपुर। राजस्थान पुलिस द्वारा लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा का गलत इस्तेमाल का खामियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ेगा। पुलिस की इस लापरवाही पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने डाटा देने से ही मना कर दिया है। मंत्रालय की वेब सर्विस डाटा से बड़े वॉल्यूम डाटा लीकेज होने का मामला सामने आया है।

    इसमें वाहनों के रजिस्ट्रेशन ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित डाटा शामिल है। शिकायतों पर सड़क मंत्रालय ने पुलिस को मिलने वाली कनेक्टिविटी को बंद कर दिया है। कनेक्टिविटी रोकने से पुलिस को क्रिमिनल केस की जांच में मिलने वाली मदद पर असर पड़ सकता है। परिवहन मंत्रालय ने मुख्य सचिव को स्पष्ट तौर पर कहा है कि सुरक्षा तंत्र विकसित करने पर ही फिर से कनेक्टिविटी होगी। उधर, डीजीपी मनोज भट्ट का कहना है कि वेब सर्विस डाटा की तकनीक को लेकर कुछ परेशानी आई थी। उसको आइडेंटिफाई कर जल्द ठीक करने का प्रयास हो रहा है।

    देश की इंफोर्समेंट एजेंसी कनेक्ट : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेब सर्विस डाटा में वाहन रजिस्ट्रेशन एवं ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित पर्सनल डाटा मौजूद है। इस सर्विस से देशभर की इंफोर्समेंट एजेंसियों को कनेक्ट किया हुआ है। इसमें राजस्थान पुलिस भी शामिल है। क्रिमिनल केसेज के अनुसंधान में एजेंसियां इसका इस्तेमाल करती है। इस पर्सनल डाटा का उपयोग गलत तरीकों में किया जा सकता है।

    शिकायत पर वेब सेवा बंद : केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि राजस्थान एनआईसी को डाटा लीकेज की शिकायत मिली थी। इसके तत्काल बाद राजस्थान पुलिस को दी जा रही सेवाओं को एनआईसी ने तत्काल रोक दिया, जब तक कि उपयुक्त सुरक्षा तंत्र विकसित नहीं कर लिया जाता। वेब सेवा से पहले इसे संबंधित एजेंसी को सुनिश्चित करना होगा।

    मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में खुलासा : मामले का खुलासा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एमवीएल विंग के निदेशक प्रियांक भारती की ओर से मुख्य सचिव को भेजी एक चिट्टी के जरिए हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि राजस्थान पुलिस की ओर से वेब सर्विस डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके चलते किसी तीसरे वेब पोर्टल द्वारा बिग वॉल्यूम डाटा का लीकेज किया जा रहा है। इससे लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस एवं वाहन रजिस्ट्रेशन से संबंधित पर्सनल डाटा शामिल है। इस तरह से डाटा का लीकेज होना एक बड़ी चूक है।