ट्रांसपोर्टरों को जीएसटी पंजीयन से छूट

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    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ट्रांसपोर्टरों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के तहत बड़ी राहत दी है। सरकार ने उन गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसियों (जीटीए) को जीएसटी के तहत पंजीयन से छूट देने का निर्णय लिया है, जो रिवर्स चार्ज प्रणाली यानी आरसीएम (प्रतिलोम प्रभार के आधार पर) के तहत काम करती हैं।

    आरसीएम के तहत जीटीए को देय सेवा कर दर में 75 फीसदी छूट मिलती है। ट्रांसपोर्टरों को जीएसटी के तहत आने का डर सता रहा था जबकि मौजूदा कर प्रणाली में ट्रांसपोर्टरों को वैट या सेवा कर विभागों में पंजीयन से छूट प्राप्त है। इस बारे में सरकार ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है, जो 22 जून से प्रभावी होगी।
     
    दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने बताया कि मौजूदा कर व्यवस्था में ट्रांसपोर्ट को वैट या सेवा कर विभाग में पंजीयन से छूट प्राप्त है। ट्रांसपोर्टरों को जीएसटी प्रणाली में इस बारे में स्पष्टïता न होने से इसके दायरे में आने का डर सता रहा था। लेकिन अब सरकार ने अधिसूचना जारी कर स्पष्टï कर दिया है कि आरसीएम के तहत काम करने वाले ट्रांसपोर्टरों/जीटीए को जीएसटी पंजीयन से छूट होगी।

    ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बलमलकीत सिंह ने ट्रांसपोर्टरों को जीएसटी पंजीयन से छूट के फैसले को बड़ी राहत बताया। इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च के समन्वयक एसपी सिंह ने कहा कि जीएसटी के तहत देर से ही सही माल की ढु़लाई पर ई-वे बिल व्यवस्था लागू होगी। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों को पंजीयन से छूट देकर जीएसटी के दायरे से बाहर रखना कहां तक जायज है?