कोटा सेंट्रल जेल की सुरक्षा में सेंध, कैदियों के पास मिली मोबाइल की बैटरी-चार्जर

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कोटा।  जेलर बत्तीलाल मीणा के पकड़े जाने के बाद मंगलवार दोपहर को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की नींद टूटी और आनन-फानन में जेल का निरीक्षण किया तो अफसरों के होश उड़ गए। निरीक्षण के दौरान जेल की बैरकों से मोबाइल के चार्जर और बैटरी बरामद हुईं। हालांकि अफसर मोबाइल ना मिलने की बात करते रहे, लेकिन चार्जर और बैटरी मिलने से एक बात तो साबित हो गई कि जेल की सुरक्षा में सेंध लग चुकी थी।
संभाग के सबसे बड़े केन्द्रीय कारागार जहां करीब डेढ़ हजार बंदी बंद हैं। उस जेल को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भगवान भरोसे ही छोड़ रखा है। दो साल से ज्यादा वक्त गुजर गया, अधिकारियों ने जेल का नियमित व औचक निरीक्षण नहीं किया। कैदियों से अवैध वसूली के आरोप में ट्रेप किए गए जेलर बत्ती लाल मीणा की गिरफ्तारी के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने दोपहर 2.30 बजे से शाम 5 बजे तक जेल का निरीक्षण किया
निरीक्षण के बाद एडीएम सिटी बीएल मीणा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान बंदियों के पास मोबाइल की एक पुरानी बैटरी व चार्जर मिला है। हालांकि जेल में ये सामान कैसे पहुंचे इस बारे में वे कोई जवाब नहीं दे सके। मीणा ने बताया कि जेल में जैमर के सही ढंग से काम नहीं करने पर इसे ठीक कराने और चारदीवारी पर तारों में बिजली करंट लगातार प्रवाहित करने के निर्देश दिए हैं।
अफसरों के इशारों पर चलते जैमर
जेल में मोबाइल उपयोग पर रोक के लिए ही जेल प्रशासन की ओर से लाखों रुपए खर्च कर कुछ समय पहले 4 जी जैमर लगवाए गए। लेकिन ये सही ढंग से काम नहीं कर रहे। सूत्रों के अनुसार जेल में जैमर जेल अधिकारियों की मर्जी से काम करते हैं। छत पर लगे जैमर की दिशा नीचे की जगह उसे ऊपर कर दिया जाता है। इससे वह काम करना बंद कर देता
अब जली बत्ती, निरीक्षण को पहुंचे

जेलर बत्तीलाल मीणा के पकड़े जाने के बाद एडीएम सिटी बीएल मीणा, पुलिस उप अधीक्षक शिव भगवान गोदारा और एसीबी बारां के एएसपी राजेन्द्र सिंह गोगावत ने मंगलवार को निरीक्षण किया। इस दौरान जेल अधीक्षक सुधीर प्रकाश पूनिया भी मौजूद थे। यह निरीक्षण औपचारिक ही रहा। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को जेल में निरीक्षण के लिए प्रवेश करने से पहले इतनी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ी कि काफी समय लग गया। इससे पहले ही जेल कर्मचारी अंदर चले गए और बात फैल गई।