RBI ने यथावत रखी ब्याज दरें, रेपो रेट 6.25 प्रतिशत पर बरकरार

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने फिर से नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद कमिटी ने 6.25 प्रतिशत का रीपो रेट ही बरकरार रखा। इसके अलावा, रिवर्स रीपो रेट को 6% और सीआरआर को 4% पर ही बरकरार रखा गया है।

हालांकि, स्टैचुटअरी लिक्विडिटी रेशो (एसएलआर) को 20.50 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया। नई दर 24 जून से लागू होगी। कमिटी ने एमएसएफ दर और बैंक दर को भी 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरा रखा है।महंगाई को लेकर आरबीआई का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत तक रहा सकती है जबकि दूसरी छमाही में महंगाई दर 3.5-4.5 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है।

गौरतलब है कि एमपीसी के 5 सदस्य मौजूदा ब्याज दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं हैं और उन्होंने इसे बरकरार रखने के पक्ष में मत दिया। एमपीसी ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में 0.1 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसे 7.4 प्रतिशत से 7.3 प्रतिशत कर दिया है। 21 जून को एमपीसी मिनट्स जारी होंगे और एमपीसी की अगली बैठक 1-2 अगस्त को होगी।

अगली समीक्षा में रेट कट की संभावना

2017-18 में अप्रैल से सितंबर के बीच आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत रखा है। वहीं, दूसरी छमाही में उसे इसके 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिटेल इन्फ्लेशन अप्रैल में 2.99 प्रतिशत के रेकॉर्ड लो लेवल पर आ गई थी, जबकि मार्च में यह 3.89 प्रतिशत के साथ पांच महीने के पीक पर थी। बेस इफेक्ट और फूड प्रॉडक्ट्स के दाम कम होने से महंगाई काबू में है। इसके साथ ही, देश में 1 जुलाई से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने जा रहा है। मॉनसून सीजन में बारिश का भी महंगाई पर असर पड़ेगा। वहीं, पिछले कुछ महीनों से क्रूड ऑइल के दाम में गिरावट आ रही है, जो भारत के हक में है।