पीएम मोदी ने बना लिया दुनिया को अपना दफ्तर

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगन के सामने दुनिया मानो सिकुड़ सी गई है। उन्हें अपनी आक्रामक विदेश नीति के मद्देनजर दुनियाभर का दौरा करने की जरूरत है, इसलिए मोदी को अच्छी तरह पता है कि कैसे पूरी दुनिया को ही अपने दफ्तर में तब्दील कर दिया जाए। यही वजह है कि अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा करने के बाद भी उनकी ट्रैवल स्टाइल में कोई फर्क नहीं आया है। इसी क्रम में वह अगले महीने यूरोप और इस्राइल का दौरा करने वाले हैं।

45 देशों का दौरा, अभियान जारी है
मई 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से मोदी आधिकारिक विदेश यात्रा के रूप में कथित रूप से 3.4 लाख किलोमीटर का दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट के मुताबिक, उन्होंने बतौर पीएम 45 देशों में 119 दिन बिताए हैं। यह अवधि उनके अब तक के कार्यकाल का करीब 10 प्रतिशत है।

विदेश यात्रा में मनमोहन के मुकाबले मोदी की उपलब्धियां ज्यादा
मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले दो वर्षों में कुल 95 दिन विदेश में बिताए जबकि यूपीए की पहली और दूसरी सरकार में बतौर पीएम पहले दो-दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह ने 72 दिन विदेश में बिताए थे। लेकिन, मोदी ने जहां 20 यात्राओं में 40 देशों के दौरे किए, वहीं मनमोहन सिंह ने यूपीए-1 के पहले दो सालों में 15 विदेशी यात्रा कर 18 देशों के दौरे किए थे। उन्होंने यूपीए-2 के पहले दो सालों में 17 विदेशी यात्राओं में 24 देशों के दौरे किए थे।

मोदी का पसंदीदा ठिकाना
मोदी कौन-कौन से देश बार-बार जाते हैं, इससे आपको उनकी विदेशी नीति की दिशा का अंदाजा लग सकता है। उन्होंने नौ देशों की बार-बार यात्रा की है। वह चार बार अमेरिका गए हैं जबकि चीन, फ्रांस, अफगानिस्तान, जापान, नेपाल, रूस, सिंगापुर, श्री लंका और उज्बेकिस्तान का दो-दो बार दौरा कर चुके हैं।

पल-पल के उपयोग की अनोखी कला
विदेश यात्रा के दौरान पीएम मोदी एक-एक सेकंड का हिसाब-किताब रखते हैं। उन्होंने विदेशी यात्रा के दौरान वक्त बचाने का शानदार तरीका इजाद कर लिया है। वह होटल के बजाय प्लेन में सोते हैं। उड़ान के वक्त प्लेन में सोने से सुबह उनकी नींद उसी देश में खुलती है जहां उनका अगला कार्यक्रम होता है। अगर वह रात में होटल में रुक रहे होते तो वह सुबह जगने के बाद ही नई जगह पर पहुंच पाते।

पिछले साल 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच बेल्जियम, अमेरिका और सऊदी अरब की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने तीन रातें एयर इंडिया वन में ही बिताईं जब वह दिल्ली से ब्रसल्स, ब्रसल्स से वॉशिंगटन डीसी और वॉशिंगटन डीसी से रियाद का सफर कर रहे थे। पूरे दौरे में उन्होंने महज दो रातें होटलों में बिताईं- एक रात वॉशिंगटन में और दूसरी रियाद में। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया, ‘किसी पीएम के अमेरिका समेत कई देशों का दौरा महज 97 घंटों में पूरा करने का यह पहला उदाहरण है। पीएम अगर प्लेन में नहीं सोते तो हम कम-से-कम छह दिनों में तो नहीं ही लौट पाते।’

प्लेन में भी गहरी नींद सोते हैं पीएम
क्या अलग-अलग देशों के दौरे से मोदी को नींद नहीं आने की समस्या नहीं झेलनी पड़ती है? भला नींद से सराबोर कोई पीएम दूसरे देश के प्रमुख के साथ महत्वपूर्ण मीटिंग में क्या हासिल कर सकते हैं? एक अधिकारी ने एक बार कहा था, ‘उन्हें अनिद्रा की समस्या खाक होगी, जब उन्हें गहरी नींद आ जाती है।’ दरअसल, पीएम मोदी कड़ी मेहनत करने वाले व्यक्ति हैं। इसलिए वह यात्रा के दौरान ऐसी समस्याओं का सामना करना अच्छी तरह जानते हैं।

प्लेन ही बन जाता है पीएमओ
पीएम मोदी प्लेन में भी सिर्फ सोते ही नहीं रहते हैं। एक अधिकारी ने ईटी को बताया, ‘जब सफर का कोई हिस्सा पूरा हो जाता है तो वह (पीएम मोदी) प्लेन में इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांग लेते हैं। अधिकारियों को इतनी छूट नहीं मिलती है कि वो भारत लौटकर ही रिपोर्ट दें।’ इतना ही नहीं, ‘जब किसी देश में महत्वपूर्ण मीटिंग होनी होती है तो पीएम होटल में प्रवेश करने के 30 मिनट के अंदर ही ब्रीफिंग का बुलावा भेज देते हैं।’

अब दौरे में कमी
मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल में ही ज्यादा-से-ज्यादा दौरे किए क्योंकि तब बतौर पीएम उन्हें बहुत ग्राउंड वर्क करना था। धीरे-धीरे उनकी विदेश यात्राओं में कमी आ गई। साल-दर-साल विदेश में उनके ठहरने का वक्त भी कम हुआ है। पहले साल (मई 2014 से मई 2015) पीएम ने 55 दिन दूसरे देशों में बिताए। दूसरे साल में यह आंकड़ा घटकर 40 और तीसरे साल 24 हो गया।

मोदी के हवाई सफर पर 275 करोड़ खर्च
पीएमओ की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी के हवाई सफर पर 275 करोड़ रुपये खर्च हुए। इनमें पांच यात्राओं पर खर्च के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। 9 से 17 अप्रैल 2015 के दौरान फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर सबसे ज्यादा 31.2 करोड़ रुपये खर्च हुए।

इस लिहाज से दूसरे नंबर पर 11 से 20 नवंबर 2014 के दौरान म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फीजी की यात्रा है जिसकी लागत 22.58 करोड़ रुपये आई। पीएम मोदी की तीसरी महंगी विदेश यात्रा 13 से 17 जुलाई 2014 के दौरान ब्राजील की थी जिस पर 20.35 करोड़ रुपये का खर्च आया।