इंडिया दुनिया का 9वां सबसे बड़ा शेयर बाजार बना

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शेयर मार्केट कैप पहुंचा 2 लाख करोड़ डॉलर के पार, बनी रहेगी तेजी

मुंबई। लोकल और विदेशी निवेशकों की लगातार खरीदारी के चलते मार्केट कैप 2 लाख करोड़ डॉलर के पार चला गया है। इससे भारत दुनिया का 9वां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है। वहीं, इमर्जिंग मार्केट्स में चीन के बाद भारत का मार्केट कैप सबसे अधिक है।

जनवरी के बाद से डॉलर टर्म में भारतीय बाजार में 28 पर्सेंट की तेजी आई है, जो मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया के 20 सबसे बड़े मार्केट्स में सबसे अधिक रिटर्न है। इस रैली से भारत का मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो 10 साल के एवरेज 0.78 पर्सेंट से अधिक हो गया है।इमर्जिंग मार्केट्स के लिए यह रेशियो 0.2 से 0.8 के बीच रहती है, जबकि विकसित देशों के शेयर बाजार के लिए 0.5-2.2 के बीच।

ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी के चीफ इकॉनमिस्ट और ईडी सुजान हाजरा ने कहा, ‘भारत में लिस्टेड कंपनियों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा हैएक्टिवली ट्रेडेड कंपनियों में से करीब 50 पर्सेंट का मार्केट कैप 500 करोड़ रुपये से कम है। इससे पता चलता है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में कंपनियां शेयर बाजार से जल्द फंड जुटाती हैं। भारत में मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो इसलिए अधिक है क्योंकि यहां के उद्यमी पब्लिक से फंड जुटाने में दिलचस्पी रखते हैं ।’

भारत में मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो 2007 में 1.48 के पीक लेवल पर पहुंची थी। ग्लोबल मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो 0.98 थी। इस रेशियो से इक्विटी मार्केट के ग्लोबल एक्सपर्ट्स कई बार शेयर बाजार के रिलेटिव वैल्यूएशन का अंदाजा लगाते हैं। जब यह 1 से अधिक होती है, तब बाजार को महंगा माना जाता है। अगर इस थ्योरी पर यकीन करें तो भारत में मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो को 1 से अधिक होने के लिए और 10 पर्सेंट की तेजी जरूरी है।

बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड के सीईओ ए बालसुब्रमण्यन ने बताया, ‘भारत में प्राइवेट और गवर्नमेंट कैपेक्स के शुरू होने पर मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो में और बढ़ोतरी हो सकती है। इस साल के अंत तक देश की रेटिंग भी अपग्रेड होने की संभावना है। ऐसा होता है तो मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो में और बढ़ोतरी होगी।’

भारत का ग्लोबल मार्केट कैप में कंट्रीब्यूशन  2.7 पर्सेंट

ब्राजील और मेक्सिको की मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो क्रमश: 0.18 और 0.27 के साथ सबसे कम है। उसकी वजह यह है कि दोनों इकॉनमी कमोडिटीज पर आश्रित हैं, जिनकी कीमतों में गिरावट जारी है। वहीं, फ्रांस के लिए यह 0.67 और जर्मनी के लिए 0.49 है। हालांकि, दोनों देशों के बेंचमार्क इंडेक्स नए पीक लेवल पर हैं। भारत का ग्लोबल मार्केट कैप में कंट्रीब्यूशन भी 2.7 पर्सेंट के साथ 6 साल में सबसे ज्यादा हो गया है, जबकि इसका 6 साल का एवरेज 2.2 पर्सेंट है। यह पिछले तीन साल में दोगुना हो गया है।