चाइना के सेब और नाशपाती में कीड़े, इंपोर्ट रोका

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नई दिल्ली। चीन से आने वाले कृषि उत्पादों पर रोक लगाने के पहले मामले के तहत सरकार ने वहां के सेब और नाशपाती के आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। इंडिया ने आने वाले शिपमेंट्स में कीड़े होने का हवाला देते हुए चीन के सेब, नाशपाती और मेरीगोल्ड फ्लॉवर सीड्स पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है।

चीन से होने वाले फल और सब्जी आयात में इन दो फलों की हिस्सेदारी करीब 90 पर्सेंट है। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘हमें लगातार चीन से आ रहे सेब, नाशपाती और मेरीगोल्ड फ्लॉवर सीड्स में पेस्ट्स मिल रहे थे। ऐसे में हमने इनके इंपोर्ट्स को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।’

अप्रैल से फरवरी के बीच में इंडिया ने चीन से 13.2 करोड़ डॉलर के सेब और नाशपाती इंपोर्ट किए। पिछले साल इसी अवधि में 4.42 करोड़ डॉलर के सेब और नाशपाती आयात हुए थे। इस तरह से इसमें 200 पर्सेंट का उछाल दर्ज किया गया। चीन को भेजे गए कई पत्रों में भारतीय अधिकारियों ने नियमों के पालन न होने और फायटोसैनिटरी नॉर्म्स का उल्लंघन का जिक्र किया, जिनसे इंडियन ऐग्रिकल्चर को गंभीर बायोसिक्यॉरिटी रिस्क हो सकता है।

1 मई को भेजे गए अपने हालिया पत्र में इंडिया ने कहा, ‘सेब, नाशपाती और मेरीगोल्ड फ्लॉवर सीड्स से जुड़े हुए पेस्ट्स लगातार पाए गए हैं। इससे चीन में फायटोसैनिटरी कंट्रोल सिस्टम की नाकामी का पता चलता है।’ चीन ने इसके जवाब में कहा कि ये पकड़े गए क्वारंटाइन पेस्ट्स शायद पैकेजिंग और सर्कुलेशन की प्रक्रिया के दौरान आए होंगे।

इंपोर्टेड कमोडिटीज के मामले में नियमों का पालन न होने के बारे में चीन को लगातार बताए जाने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं है। भारत ने अब इन तीनों कमोडिटीज को लेकर अतिरिक्त जानकारी मांगी है। इंडिया जानना चाहता है कि फायटोसैनिटरी रिस्क से बचने का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर क्या है। साथ ही, पैकेजिंग और वेयरहाउसिंग के लिए अप्रूवल की लिस्ट भी इंडिया ने मांगी है।